‘मुरादाबाद को माधौनगर कर दें, अगर किसी को बुरा लगा तो आई एम नॉट वेरी-वेरी सॉरी’

Moradabad or Madhonagar

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Moradabad or Madhonagar: पंडित धीरेंद्रकृष्ण शास्त्री ने प्रवचन के दौरान अपने बयानों से एक नए विवाद को जन्म दे दिया है. पहले तो उन्होंने कहा कि मुरादाबाद के धर्म विरोधियों की ठठरी बांधते रहेंगे. इसके बाद उन्होंने मुरादाबाद का नाम बदलने की वकालत कर दी। वह बोले कि जैसे फैजाबाद अयोध्या हो गया, इलाहाबाद प्रयागराज हो गया, ऐसे में मुरादाबाद को माधौनगर कर देना चाहिए। इसके बाद उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि अगर किसी को बुरा लग रहा हो तो आएम नॉट वेरी-वेरी सॉरी. उनके इस बयान पर मुरादाबाद से इंडियन मुस्लिम लीग के नेशनल ज्वाइंट सेक्रेटरी कौसर हयात ने नाराजगी जताई।

‘ऐसा लग रहा जैसे ये आरएसएस का प्रोग्राम हो’

उन्होंने कहा जिस तरह धर्म के नाम पर धर्मसभा की गई। ऐसा लग रहा है जैसे वह आरएसएस का प्रोग्राम हो या जैसे भाजपा का प्रोग्राम हो। अगर आप धार्मिक कार्यक्रम कर रहे हैं तो वो सिर्फ धार्मिक कार्यक्रम होना चाहिए। उन्होंने धार्मिक कार्यक्रम में आरएसएस और बीजेपी के एजेंडे को बढ़ावा देने की बात कही।

‘हिन्दुओं के जज्बात को भड़काकर वोट लेना चाहती भाजपा’

कौसर हयात ने कहा हम समझते हैं की ये मजहबी प्रोग्राम नही बल्कि भाजपा का सियासी प्रोग्राम है। उन्होंने कहा भाजपा बाबा का सहारा लेकर हिंदुओं के जज़्बात को भड़काकर वोट हासिल करना चाहती है। ऐसा नहीं होना चाहिए। आदर्श आचार संहिता लागू हो गई। प्रशासन को इसका पालन कराना चाहिए। ये मुल्क सभी का है सभी इसमें रहते हैं। आज सत्ता के नशे में भाजपा ये सब करवा रही है।

‘ये खेल ज्यादा दिन चलने वाला नहीं’

उन्होंने कहा देश में अमन, इंसाफ और शांति कायम करने के लिए सबके साथ समाजी इंसाफ करना होगा। सबका, एहतराम, सबकी इज्जत और सबको बराबर का हक देना होगा। अगर आप एक वर्ग को बेवजह प्रताड़ित और एक वर्ग को बढ़ाएंगे तो ये खेल ज्यादा दिन चलने वाला नहीं है। उन्होंने कहा देश के इंसाफ पसंद हिंदू समझने लगे हैं की देश को गलत रास्ते पर ले जाया जा रहा है। ये हिंदू-मुस्लिम की नफरत को खत्म करना होगा।

रिपोर्टः शाहरुख हुसैन, संवाददाता, मुरादाबाद, उत्तरप्रदेश

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