Punjab

पंजाब में भारी बाढ़ से प्रभावित लोगों और पशुओं की मदद के लिए मिल्कफेड ने राहत और बचाव अभियान किया शुरू

फटाफट पढ़ें

  • पंजाब में बाढ़ से करीब 1,900 गांव प्रभावित
  • मिल्कफेड ने राहत अभियान शुरू किया
  • दूध संग्रह केंद्रों तक पहुंच बनी रही लगातार
  • पशु चारे के लिए 50 करोड़ की ग्रांट मांगी गई
  • 15,000 खाद्य किट राहत शिविरों में वितरित

Punjab News : पंजाब में हाल के वर्षों की सबसे भयंकर बाढ़ के कारण लगभग 1,900 गांव प्रभावित हुए हैं और लगभग 4 लाख हेक्टेयर उपजाऊ जमीन जलमग्न हो गई है. ऐसे में सहकारिता विभाग ने मिल्कफेड पंजाब (वेरका) और इसके संबद्ध मिल्क यूनियनों के साथ मिलकर लोगों और पशुधन दोनों के लिए अभूतपूर्व राहत एवं पुनर्प्राप्ति अभियान शुरू किया है. सबसे अधिक प्रभावित क्षेत्र अमृतसर, फिरोजपुर, अबोहर, फाजिल्का और जालंधर हैं, जहां लगभग 3.5 लाख लोग आवश्यक वस्तुओं के लिए संघर्ष कर रहे हैं.

मुख्यमंत्री मान के नेतृत्व में मिल्कफेड की दोहरी रणनीति

मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में मिल्कफेड पंजाब ने दोहरी रणनीति शुरू की है. डेयरी किसानों और पशुधन का संरक्षण करते हुए प्रभावित लोगों को दूध और आवश्यक खाद्य सामग्री उपलब्ध कराना. इस पहल पर वित्तीय आयुक्त सहकारिता सुमेर गुर्जर ने कहा, यह केवल राहत नहीं है यह वेरका के पंजाब के लोगों के साथ रिश्ते की पुन: पुष्टि है. हमारी टीमें किसानों की आजीविका की रक्षा, पशुओं की सुरक्षा और किसी भी परिवार को पोषण से वंचित न रहने देने के लिए मैदान में हैं.

मिल्कफेड ने बाढ़ में नावों से दूध संग्रह जारी रखा

परिवहन मार्ग जलमग्न होने के कारण डेयरी किसान दूध ले जाने में असमर्थ थे, जिससे वे गंभीर आर्थिक संकट में आ गए. इस चुनौती का सामना करते हुए, मिल्कफेड टीमों ने नावों और अस्थायी वाहनों का उपयोग करके बाढ़ प्रभावित गांवों में दूध संग्रह केंद्रों तक पहुँच सुनिश्चित की, जिससे कच्चे दूध की निरंतर खरीद जारी रही. इस असाधारण प्रयास ने किसानों की आमदनी सुरक्षित रखी और आपातकालीन परिस्थितियों में भी पंजाब के दूध आपूर्ति श्रृंखला को चालू रखा.

मिल्कफेड ने पशुओं को प्राथमिकता से मदद दी

मिल्कफेड के एमडी राहुल गुप्ता ने बताया, “जलमग्न शेडों में फंसे हजारों पशुओं को प्राथमिकता से सहायता मिल रही है. संबद्ध मिल्क यूनियनों के समन्वय में मिल्कफेड सब्सिडी दरों पर पशु चारा और चोकर उपलब्ध करा रहा है. इस प्रयास को बढ़ाने के लिए, मिल्कफेड ने राष्ट्रीय डेयरी विकास बोर्ड (एनडीडीबी) से 50 करोड़ रुपये की ग्रांट मांगी है, जो मंजूर होने पर प्रभावित जिलों में मुफ्त पशु चारा वितरण संभव होगा.”

मिल्कफेड ने दूध और डेयरी उत्पाद आपूर्ति शुरू की

मानव राहत कार्यों के तहत, मिल्कफेड जिला प्रशासन के माध्यम से ताजा दूध, स्किम्ड मिल्क पाउडर, होल मिल्क पाउडर और डेयरी व्हिटनर की आपूर्ति कर रहा है. ये आवश्यक वस्तुएं विशेष रूप से बच्चों, बुजुर्गों और कमजोर वर्गों वाले परिवारों के लिए महत्वपूर्ण हैं. यह अभियान तेजी से बढ़ाया जा रहा है ताकि सभी बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में पोषण की निरंतर आपूर्ति सुनिश्चित हो सके.

मिल्कफेड ने 15,000 खाद्य किट देने का वादा किया

एमडी ने आगे बताया कि डेयरी आपूर्ति के अतिरिक्त, मिल्कफेड और इसके यूनियनों ने फंसे परिवारों के लिए 15,000 खाद्य किट वितरित करने का भी वचन दिया है. यह वितरण वेरका जालंधर, मोहाली और संगरूर डेरियों से शुरू हो चुका है और राहत शिविरों तथा दूर-दराज इलाकों तक निरंतर पहुँचाई जा रही है. सहकारिता विभाग के अधिकारियों ने बताया कि मिल्कफेड पंजाब की कार्रवाई केवल आपातकालीन राहत तक सीमित नहीं है. इस अभूतपूर्व चुनौती के सामने, मिल्कफेड पंजाब और इसके यूनियनों ने न केवल किसानों और पशुधन का समर्थन किया है, बल्कि सुनिश्चित किया है कि कोई भी परिवार आवश्यक वस्तुओं से वंचित न रहे. जैसे-जैसे पंजाब पुनर्प्राप्ति की ओर बढ़ रहा है, वेरका के समन्वित राहत प्रयास सहयोग, सहानुभूति और राष्ट्र को पोषण देने की प्रतिबद्धता का प्रतीक बनकर उभरे हैं.

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