Uttar Pradesh

Mathura: शरद पूर्णिमा पर नहीं हो पायेगा सामान्य दिन के जैसे दर्शन, जानिए कब खुलेंगे मंदिर के पट

28 अक्टूबर को शरद पूर्णिमा है, इसलिए बहुत से लोग कान्हा की नगरी वृंदावन में जाएंगे। लेकिन इस बार शरद पूर्णिमा पर चंद्रग्रहण के दौरान जन-जन के आराध्य बांके बिहारी जी की आरती और दर्शन का समय बदल गया है। कान्हा नगरी के लगभग हर मंदिर में शरदोत्सव मनाया जाता है। शरद पूर्णिमा की धवल चांदनी में अपने आराध्य को देखने के लिए बहुत से लोग यहां आते हैं। 28 अक्टूबर, शनिवार को शरद पूर्णिमा है। यही कारण है कि वीकेंड पर शरद पूर्णिमा के दौरान बहुत से लोगों के आने की संभावना है।

मंदिर में भीड़ बढ़ने की आशंका

इस बार शरद पूर्णिमा 28 अक्टूबर को होने के साथ ही वीकेंड पर पड़ रहा है। ऐसे में काफी लोगों की छुट्टी होने की वजह से बांके बिहारी के मंदिर में भीड़ बढ़ने की आशंका जताई जा रही है। सभी अपने आराध्य के दर्शन के लिए वहां पहुंचेंगे। लेकिन आपको बता दें वीकेंड होने के साथ ही इस बार बांके बिहारी जी की आरती और दर्शन के समय में भी  बदलाव किया गया है।

बांके बिहारी के दर्शन और आरती का समय

सुबह 7 बजकर 45 मिनट पर मंदिर के पट श्रद्धालुओं के लिए खुलेंगे, जबकि 7 बजकर 55 मिनट पर श्रृंगार आरती होगी और 8 बजे छींटा देकर मंदिर के पट बंद किए जाएंगे। बांके बिहारी मंदिर प्रबंधक मुनीश शर्मा ने बताया, इसके बाद ठाकुरजी की राजभोग सेवा शुरू होगी। ठाकुरजी की राजभोग आरती सुबह 10 बजे 55 मिनट पर होगी और साढ़े 11 बजे पट बंद होंगे। दोपहर साढ़े 12 बजे दर्शनार्थियों के लिए पट खुलेंगे। उसके बाद, श्रद्धालु अपने आराध्य के दर्शन कर सकेंगे।

उस स्थान पर 3 बजकर 25 मिनट पर शयन आरती होगी। साढ़े 3 बजे मंदिर के पट बंद हो जाएंगे, जिससे श्रद्धालु उस दिन अपने आराध्य का दर्शन नहीं कर सकेंगे। अगले दिन 29 अक्टूबर रविवार को श्रद्धालु सामान्य दिनों की तरह ही बांके बिहारी जी का दर्शन कर सकेंगे।

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