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सरकार के आश्वासन के बाद मनोज जरांगे ने खत्म किया अनशन

New Delhi: मराठा आरक्षण कार्यकर्ता मनोज जरांगे पाटिल ने महाराष्ट्र सरकार के मंत्रियों से मुलाकात के बाद अपना अनशन खत्म कर दिया। महाराष्ट्र सरकार ने उनसे 2 माह के अंदर इस मुद्दे को सुलझाने का वादा किया है। मनोज जरांगे ने कहा कि जब तक सभी मराठाओं को आरक्षण नहीं मिल जाता, वह तब तक अपने घर में प्रवेश नहीं करेंगे। यदि 2 माह में कोई फैसला नहीं लिया गया तो मुंबई में मराठा आरक्षण के लिए विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व करूंगा।

मराठा आरक्षण पर 8 दिसंबर को होगी चर्चा

महाराष्ट्र सरकार के 4 मंत्रियों ने जरांगे से मुलाकात की। उन्होंने उनसे 9 दिनों से जारी अनशन समाप्त करने का निवेदन किया। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र विधानमंडल में मराठा आरक्षण पर 8 दिसंबर को चर्चा होगी।

सेवानिवृत्त न्यायाधीशों ने जरांगे की थी मुलाकात

इससे पहले उच्च न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायाधीश संदीप शिंदे, न्यायमूर्ति एमजी गायकवाड़ और अधिकारियों सहित अन्य लोगों के एक प्रतिनिधिमंडल ने मनोज जरांगे से मुलाकात की थी। यह मुलाकात मनोज जरांगे के गांव में हुई थी। सत्तारूढ़ गठबंधन के साथी विधायक बच्चू कडू भी इस अवसर पर मौजूद थे।

अपने गांव में ही भूख हड़ताल पर थे जरांगे

सनद रहे कि मनोज जरांगे मराठा आरक्षण की मांग को लेकर 25 अक्टूबर से जालना जिले के अपने गांव अंतरवाली सरती में अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल पर थे। जरांगे ने बुधवार को कहा था कि वह अब से पानी भी नहीं पीएंगे। लेकिन, इससे पहले ही एक सर्वदलीय बैठक में मराठा आरक्षण की मांग का समर्थन करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया गया। इस दौरान उनसे अनशन खत्म करने की अपील की गई थी।

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