
बसपा सुप्रीमों मायावती लंबे वक्त बाद किसी चुनावी रैली में नजर आई। बुधवार को आगरा में आयोजित रैली में कहा कि पिछली बार के धोखे से सबक लेकर इस बार सोच-समझकर प्रत्याशियों को टिकट बांटे गए हैं।
उन्होंने कहा उनकी पार्टी के कई बड़े नेताओं ने उन्हें धोखा दिया। 2017 के विधानसभा चुनावों में इन बड़े नेताओं ने दूसरी पार्टियों के नेताओं से मिलकर डमी कैंडिडेट खड़े किए। जिससे बीएसपी को काफी नुकसान हुआ। इसी कारण से उन्होंने इस दफा सोच-समझकर उम्मीदवारों का चयन किया है।
उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कहा कि इस बार राज्य की 403 विधानसभा सीटों के लिए उन्होंने सोच-समझकर टिकटों का बंटवारा किया है। उन्होंने बताया कि इस दफा उन्होंने एक-एक उम्मीदवार से मुलाकात कर हालातों का जायजा लेकर लेकर ही टिकट बांटे है ताकि पिछली बार की तरह कोई धोखा न हो।
बीएसपी चीफ ने ये भी बताया कि वो क्यों आगरा से ही अपनी चुनावी रैली की शुरूआत कर रही हैं। दलितों की राजधानी कहे जाने वाले आगरा से चुनावी रैली शुरू करने का मकसद विरोधियों को जवाब देना है, जो इतने वक्त से पूछ रहे थे कि मायावती कहां है।
गौरतलब है कि 2017 के विधानसभा चुनावों में पार्टी केवल 19 सीटों पर जीत हासिल कर पाई थी। इसके बाद 2019 के लोकसभा चुनावों में पार्टी ने समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन किया था, लेकिन ये गठबंधन केवल 10 सीटें ही जीत पाया था।