
Kundarki By Election Result: बीजेपी प्रत्याशी रामवीर सिंह ने सपा के मोहम्मद रिजवान को कुंदरकी सीट पर हराकर जीत दर्ज की। यहा पर रामवीर और रिजवान के बीच तीसरा मुकाबला था, जिसमें पहली बार बीजेपी को सफलता मिली। मूंढापांडे निवासी रामवीर सिंह ने 1993 से बीजेपी में सक्रिय रहते हुए जिला महामंत्री की भूमिका निभाई। अब वह कुंदरकी के विधायक बन चुके हैं। इसके अलावा वह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के करीबी माने जाते हैं।
बीजेपी प्रत्याशी रामवीर सिंह ने सपा के प्रत्याशी और गढ़ कहे जाने वाले कुंदरकी में मोहम्मद रिजवान को हराकर इतिहास रच दिया है। यहा पर तीसरी बार था जब रामवीर सिंह ने रिजवान के बीच मुकाबला हुआ। पहली बार बीजेपी को यहां से जीत मिली।
कई मायनों में ऐतिहासिक
यह जीत रामवीर सिंह के लिए एक अहम राजनीतिक मील का पत्थर है बल्कि बीजेपी के लिए भी कई मायनों में ऐतिहासिक है। रामवीर सिंह ने सपा के उम्मीदवार मोहम्मद रिजवान को 143192 वोटों से हराया। बीजेपी को 168526 वोट जबकि रिजवान को 25334 वोट मिले।
मूंढापांडे के दौलारी निवासी रामवीर सिंह ने साल1993 में बीजेपी से अपना राजनीतिक सफर शुरू किया था। पार्टी में उन्होंने जिला महामंत्री की जिम्मेदारी का बखूबी निर्वहन किया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के करीबियों में उनकी गिनती होती है। वर्ष 2007 में रामवीर सिंह देहात विधानसभा सीट से चुनाव लड़े थे। इस चुनाव में सपा प्रत्याशी उस्मानुल हक को 49,194 मत और बीजेपी प्रत्याशी रामवीर सिंह को 46,034 मत मिले थे। रामवीर सिंह लगभग 3 हजार मतों से चुनाव हार गए थे।
कुंदरकी विधानसभा सीट से मैदान में उतारा
वर्ष 2012 में बीजेपी ने रामवीर सिंह को कुंदरकी विधानसभा सीट से मैदान में उतारा था। इस चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी का मुकाबला सपा प्रत्याशी रिजवान से था। इस चुनाव में सपा को 81,302 और बीजेपी को 64,101 मत मिले थे और रामवीर सिंह को एक बार फिर हार का सामना करना पड़ा। वर्ष 2017 में बीजेपी ने रामवीर सिंह पर फिर भरोसा जताया और उन्हें कुंदरकी विधानसभा सीट से मैदान में उतारा।
उनका मुकाबला सपा प्रत्याशी रिजवान से हुआ। रिजवान को 1,10,561 मत और बीजेपी प्रत्याशी रामवीर सिंह को 99,740 वोट मिले थे। इस प्रकार रामवीर सिंह 10821 मत से दोबारा मोहम्मद रिजवान से चुनाव हार गए। वही बीजेपी ने 2022 में कमल प्रजापति को चुनावी मैदान में उतारा, लेकिन प्रत्याशी बदलने के बाद भी परिणाम नहीं बदला और बीजेपी प्रत्याशी को सपा प्रत्याशी जियाउर्रहमान बर्क से 42,998 मतों से चुनाव में हार मिली।
किसान मोर्चा के महामंत्री रहे
बीजेपी प्रत्याशी ठाकुर रामवीर सिंह के पिता शिवराज सिंह मूंढापांडे सहकारी समिति के सभापति रहे हैं। वहीं उनके बड़े भाई जसवीर सिंह 35 साल तक गांव दौलारी के ग्राम प्रधान रह चुके हैं। दौलारी निवासी रामवीर सिंह ने एमए एलएलबी तक की पढ़ाई करने के बाद 1993 में बीजेपी का दामन थामा। 1999 में किसान मोर्चा के महामंत्री रहे।
साल 2005 में वह पार्टी के जिला महामंत्री। इसके अलावा 2015 में वार्ड 48 से जिला पंचायत सदस्य चुने गए। उनकी पत्नी संतोष कुमारी 2001 में मूंढापांडे की ब्लाँक प्रमुख रह चुकी हैं। वर्तमान में वार्ड 31 से जिला पंचायत सदस्य हैं। रामवीर सिंह के भाई जयवीर सिंह भाकियू टिकैत गुट के जिला उपाध्यक्ष हैं। पांच भाइयों में रामवीर सबसे छोटे हैं।
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