Heavy rain wreaks havoc in Nepal: लैंडस्लाइड से त्रिशुली नदी में गिरीं दो बसें, 50 से अधिक यात्री लापता

Heavy rain wreaks havoc in Nepal: लैंडस्लाइड से त्रिशुली नदी में गिरीं दो बसें, 50 से अधिक यात्री लापता
Heavy rain wreaks havoc in Nepal: नेपाल में भारी बारिश के कारण आई प्राकृतिक आपदा ने एक बार फिर तबाही मचाई है। शुक्रवार सुबह मदन-अश्रित राजमार्ग पर हुए एक भयानक लैंडस्लाइड के चलते दो बसें यात्रियों से भरी हुईं थी जो त्रिशुली नदी में गिर गईं। इस हादसे में 50 से अधिक यात्री लापता बताए जा रहे हैं, जिनमें अधिकतर भारतीय नागरिक होने की आशंका है। वहीं, सात भारतीयों समेत एक बस चालक की मौत की पुष्टि हो चुकी है। दो बसें यात्रियों से भरी हुईं थी जो त्रिशुली नदी में गिर गईं।
Heavy rain wreaks havoc in Nepal: घटनाक्रम और बचाव कार्य
हादसा सुबह लगभग 3:30 बजे उस समय हुआ जब दोनों बसें नारायणगढ़-मुग्लिन मार्ग पर यात्रा कर रही थीं। एक बस काठमांडू जा रही थी, जिसमें 24 यात्री सवार थे, जबकि दूसरी बस में 41 यात्री सवार थे। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, लैंडस्लाइड के बाद बसें कुछ ही पलों में नदी में समा गईं।
स्थानीय प्रशासन और सुरक्षा बल घटनास्थल पर पहुंचकर बचाव अभियान में जुट गए हैं। हालांकि, लगातार बारिश और नदी के तेज बहाव के कारण रेस्क्यू ऑपरेशन में काफी दिक्कतें आ रही हैं। नेपाली सेना के गोताखोर भी लापता यात्रियों की तलाश में जुटे हैं।
नेपाल के प्रधानमंत्री ने जताया दुख
नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ ने इस हादसे पर गहरा दुख व्यक्त किया है। उन्होंने सभी सरकारी एजेंसियों को लापता यात्रियों की तलाश और बचाव के लिए हर संभव प्रयास करने के निर्देश दिए हैं।
मौसम का कहर जारी
नेपाल में पिछले कुछ दिनों से हो रही भारी बारिश ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया है। इस दौरान देश के कई हिस्सों में बाढ़ और लैंडस्लाइड की घटनाएं सामने आई हैं। पिछले सात दिनों में ही खराब मौसम के कारण 62 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 90 से अधिक लोग घायल हुए हैं।
भारतीय नागरिकों की सुरक्षा
भारतीय दूतावास ने नेपाल में फंसे भारतीय नागरिकों की मदद के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किया है। दूतावास लगातार स्थानीय प्रशासन के संपर्क में है और स्थिति पर नजर बनाए हुए है।
आगे की चुनौतियां
इस हादसे ने एक बार फिर नेपाल के पहाड़ी क्षेत्रों में भूस्खलन के खतरे को उजागर किया है। विशेषज्ञों का मानना है कि जलवायु परिवर्तन के कारण भविष्य में ऐसी घटनाएं और बढ़ सकती हैं। ऐसे में नेपाल सरकार को आपदा प्रबंधन और राहत कार्यों को और मजबूत करने की जरूरत है।
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