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हरपाल सिंह चीमा ने कर्मचारियों की समस्याओं के समाधान के लिए की 15 यूनियनों से बैठक

Chandigarh : पंजाब के वित्त मंत्री एडवोकेट हरपाल सिंह चीमा, जो कर्मचारियों की समस्याओं के समाधान के लिए गठित कैबिनेट सब-कमेटी के चेयरमैन भी हैं, ने आज 15 अलग-अलग कर्मचारी संगठनों से बैठकें की। इन संगठनों में शिक्षा विभाग के 7 संगठन, जल सप्लाई और स्वास्थ्य विभाग से जुड़े संगठन, तथा ठेका मुलाज़म संघर्ष मोर्चा और पुरानी पेंशन बहाल संघर्ष कमेटी जैसे साझा हितों का प्रतिनिधित्व करने वाले संगठन शामिल थे।

बैठक में की गई मांगों और मुद्दों पर चर्चा

लगभग पांच घंटे चली इन बैठकों के दौरान यूनियन नेताओं के साथ उनकी मांगों और मुद्दों पर गहराई से चर्चा की गई और उपयुक्त समाधान निकालने के प्रयास किए गए। शिक्षा विभाग से संबंधित यूनियनों के मुख्य मुद्दे वेतन और वरिष्ठता में अनियमितताएं, सेवाओं को रेगुलर करना और पंजाब स्टेट टीचर्स एलिजिबिलिटी टेस्ट (पी.एस.टी.इ.टी) को समय पर आयोजित करने से जुड़े थे।

वित्त मंत्री ने दिए ये निर्देश

वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने शिक्षा विभाग को वेतन और वरिष्ठता से जुड़ी अनियमितताओं के मुद्दे को एनोमली कमेटी को भेजने के निर्देश दिए। इसके अलावा, उन्होंने सेवाओं को रेगुलर करने और अन्य सेवा-संबंधी मामलों को जल्द से जल्द सुलझाने के लिए एडवोकेट जनरल कार्यालय, परसोनल विभाग और वित्त विभाग के बीच समन्वय स्थापित करने के निर्देश दिए। उन्होंने पी.एस.टी.इ.टी को भी शीघ्र आयोजित करने के स्पष्ट निर्देश जारी किए।

ठेका मुलाज़म संघर्ष मोर्चा, ग्राम पंचायत जल सप्लाई पंप ऑपरेटर एसोसिएशन, कॉन्ट्रैक्ट मल्टीपरपज़ हेल्थ वर्कर फीमेल यूनियन, यूनाइटेड नर्सेज़ एसोसिएशन ऑफ पंजाब और पुरानी पेंशन बहाल संघर्ष कमेटी जैसे संगठनों के साथ बैठकों के दौरान, वित्त मंत्री ने उठाए गए मुद्दों को विस्तार से सुना। उन्होंने संबंधित विभागों के वरिष्ठ अधिकारियों को निर्देश दिया कि जो मुद्दे विभागीय स्तर पर हल किए जा सकते हैं, उन्हें तुरंत हल किया जाए। वित्तीय प्रभाव वाले मामलों पर, वित्त मंत्री ने यूनियन नेताओं को आश्वासन दिया कि सरकार पहले से ही अधिकांश मांगों पर सहानुभूति पूर्वक विचार कर रही है।

इन बैठकों के दौरान यूनियनों के प्रतिनिधियों, बलीहार सिंह, हाकम सिंह, जसप्रीत सिंह (ठेका मुलाज़म यूनियन); जसवीर सिंह, सुखजीत सिंह, विक्रमजीत सिंह (पुरानी पेंशन बहाल संघर्ष कमेटी); कुलदीप सिंह, प्रवीण कुमार, जगमोहन सिंह (सर्व समग्र शिक्षा अभियान (मिड डे मील) दफ्तरी कर्मचारी यूनियन); राहुल कंबोज, जसविंदर सिंह, हरजीत कौर ( पी.एस.टी.इ.टी यूनियन); जसपाल सिंह (10 वर्ष सेवा पूरी कर चुके कच्चे अध्यापक यूनियन); रणजीत सिंह, राजेश कुमार, ओंकार सिंह (ई.टी.टी. अध्यापक यूनियन); गुरप्रीत सिंह, सुरिंदर पाल सिंह, परमपाल सिंह (पंजाब शिक्षा विभाग मिनिस्टीरियल स्टाफ एसोसिएशन); समरजीत सिंह, सुखदीप सिंह, हरमल सिंह (टैट पास कच्चे अध्यापक यूनियन); तजिंदर कौर, राजविंदर कौर, किरणदीप कौर (ए.आइ.इ. कच्चे अध्यापक यूनियन); बेअंत सिंह, बोहर सिंह, मेहर सिंह (ग्राम पंचायत जल सप्लाई पंप ऑपरेटर एसोसिएशन); सरबजीत कौर, अमरीक सिंह (कॉन्ट्रैक्ट मल्टीपरपज़ हेल्थ वर्कर फीमेल यूनियन); आरती बाली, हरविंदर सिंह, बलजीत सिंह (यूनाइटेड नर्सेज़ एसोसिएशन ऑफ पंजाब) और उनके साथियों ने अपनी मांगें और मुद्दे पेश किए।

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