
Halwa Ceremony:
देश का आम बजट(Budget 2024) चुनाव वर्ष में पेश होने वाला है। यह अनुमान लगाया जा रहा है कि इस बार बजट आम जनता को ध्यान में रख कर बनाया जाएगा। फरवरी में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण बजट पेश करेंगी। वे लगातार छठी बार बजट पेश कर रहे हैं। बजट से पहले हलवा सेरेमनी(Halwa Ceremony) में हलवा बांटा जाता है।आज हम आपको हलवा सेरेमनी की परंपरा के बारे में बताने जा रहे हैं। हलवा सेरेमनी की परंपरा आजादी के बाद से ही चली आ रही है। हालांकि कोरोना काल में एकबार यह परंपरा टूट गई थी।
बजट से पहले क्यों बांटा जाता है हलवा?
हलवा सेरेमनी बजट से जुड़ी अलग-अलग डॉक्यूमेंट्स के छपाई की प्रक्रिया की आधिकारिक शुरुआत का प्रतीक है। इसमें देश की वित्तमंत्री समेत वित्त मंत्रालय के कई अधिकारी मौजूद रहते हैं। जब बजट से जुड़े सभी काम पूरे हो जाते हैं तो हलवा तैयार किया जाता है। अधिकारियों और छपाई के काम से जुड़े कर्मचारियों में इसे बांटा जाता है। ऐसी मान्यता है कि कोई भी शुभ काम करने से पहले कुछ मीठा खाना चाहिए। हलवा सेरेमनी आयोजित करने के पीछे यही वजह है।
होती है कर्मचारियों के मेहनत की सराहना
हलवा वित्तमंत्रालय को तहखाने में एक बड़े धातु के बर्तन में बनाया जाता है। यह वही जगह है जहां बजट छपाई का प्रिंटिंग प्रेस है। हलवा सेरेमनी के दौरान इस बात का बहुत ख्याल रखा जाता है कि बजट से जुड़ी कोई जानकारी लीक न हो जाए। बजट का काम पूरा होने पर हलवा सेरेमनी में कर्मचारियों के काम और मेहनत की सराहना की जाती है।
हलवा सेरेमनी वित्त मंत्रालय के 10 नार्थ ब्लॉक स्थित परिसर में मनाई जाती है। बजट बनाने में शामिल कर्मचारी तबतक परिसर में ही रहते हैं जबतक कि बजट पेश नहीं कर दिया जाता। इसकी वजह किसी भी तरह की जानकारी लीक होने से रोकना है।
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