17वीं बार सीएम नीतीश कुमार ने गांधी मैदान में फहराया तिरंगा, 10 लाख नौकरी पर क्या कहा जानिए

17वीं बार सीएम नीतीश कुमार ने गांधी मैदान में फहराया तिरंगा, 10 लाख नौकरी पर क्या कहा जानिए

17वीं बार सीएम नीतीश कुमार ने गांधी मैदान में फहराया तिरंगा, 10 लाख नौकरी पर क्या कहा जानिए

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सीएम नीतीश कुमार ने आज 15 अगस्त को पटना के गांधी मैदान में तिरंगा फहराकर आजादी के 77वें महोत्सव की शुरुआत की। इस मौके पर उन्होंने राज्य और देशवासियों को बधाई दी। इस दौरान उन्होंने कहा कि जुलाई-अगस्त माह में कम बारिश की वजह से किसानों को धान की रोपाई करने में कठिनाई हुई, सरकार ने लोगों को राहत दी। किसानों को धान की रोपाई के लिए डीजल अनुदान दिया गया। वहीं, इसके अलावा रोजगार के मुद्दे पर उन्होंने कहा कि पिछले साल 10 लाख नौकरी और 10 लाख रोजगार एलान किया था। इस साल इस क्षेत्र में बहुत काम हुआ है. अगले साल तक यह काम पूरा कर लिया जाएगा। एक लाख से ज्यादा लोगों को सरकारी नौकरी अभी तक मिल चुकी है और 3 लाख से ज्यादा पदों पर नियुक्तियां सृजन हो चुका है और दो लाख से ज्यादा पदों पर नियुक्तियां सृजन प्रक्रियाधीन है।

नीतीश कुमार ने अपने संबोधन में कहा कि हम उन स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धा सुमन अर्पित करते हैं जिन्होंने आजादी की लड़ाई में प्राणों की आहुति दी। बिहार के लोगों ने राष्ट्र निर्माण में हमेशा योगदान दिया। किसी भी अपराधी को बख्शा नहीं जाएगा। कानून व्यवस्था दुरुस्त रहे, कोई भी पीड़ित व्यक्ति 112 नंबर पर कॉल करे। 15 मिनट में पुलिस घटनास्थल पर पहुंच जाती है। महिला पुलिस बहुत अच्छा काम कर रही हैं। राज्य में सांप्रदायिक सौहार्द कायम रहे. 2006 से कब्रिस्तानों का काम हो रहा। मंदिर की चार दीवारी योजना 2016 से चल रही। 419 मंदिरों की अब तक चार दीवारी की जा चुकी है। शिक्षा क्षेत्र में अच्छा काम हो रहा है. 63000 विद्यालय भवन बनाए गए। सभी विद्यालयों में छात्र-छात्राओं के लिए अलग शौचालय बनाया गया। लड़कियों के लिए साइकिल पोशाक योजना शुरू की गई। हर पंचायत में +2 स्कूल है। सरकारी स्कूलों में शिक्षकों की संख्या 4 लाख से अधिक है। शिक्षक अच्छे से पढ़ाएं, अनुपस्थित रहने पर कार्रवाई होगी।

आगे सीएम ने कहा कि बिहार का प्रजनन दर 4.3 था, अब 2.9 है. बिहारवासियों की स्वास्थ्य की चिंता है। 24 घंटे प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र चालू है। सरकारी अस्पतालों में बेहतर व्यवस्था है। बड़े पैमाने पर मेडिकल कॉलेज अस्पतालों की स्थापना की गई। केंद्र सरकार से दरभंगा में डिएमसीएच को एम्स में अपग्रेड करने को हम कहे। केंद्र सरकार ने स्वीकार किया फिर मना कर दिया। बाद में हम केंद्र को एम्स के लिए दरभंगा में दूसरी जगह जमीन दी गई। उसको केंद्र सरकार रिजेक्ट कर दी। वहीं, आगे उन्होंने कहा कि हर घर जल का नल पहुंचा। गांव में पक्की सड़कें बनी।

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