
Keshav Prasad Maurya : प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. सुप्रीम कोर्ट ने 2021 में उनके खिलाफ दायर फर्जी डिग्री केस की याचिका को खारिज कर दिया है. इस याचिका में डिप्टी सीएम को फर्जी दस्तावेजों के आधार पर पद पाने और धोखाधड़ी करने का आरोप लगाते हुए उनपर एफआईआर दर्ज करने की मांग की थी. ये याचिका आरटीआई एक्टिविस्ट दिवाकर नाथ त्रिपाठी ने दायर की थी.
क्या है पूरा मामला
पूरा मामला साल 2021 का है जब डिप्टी सीएम के खिलाफ इलाहाबाद हाई कोर्ट में सीआरपीसी की धारा 156(3) के तहत फर्जी दस्तावेजों का इस्तेमाल कर संवैधानिक पद प्राप्त करने और इस आधार पर उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करने को लेकर याचिका दायर की गई थी. याचिकाकर्ता दिवाकर नाथ त्रिपाठी ने आरोप लगाया था कि डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने साल 2007, 2012 और 2014 के चुनावों में निर्वाचन आयोग के सामने गलत शैक्षिक योग्यताओं को प्रस्तुत किया था, इसके साथ ही उन्होंने केशव मौर्य पर इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन से पेट्रोल पंप हासिल करने के लिए जाली दस्तावेजों का इस्तेमाल करने का भी आरोप लगाया था.
हाईकोर्ट से सुप्रीम कोर्ट तक मिली निराशा
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने इस पूरे मामले में संजय सिंह को पीड़ित व्यक्ति न होने के आधार पर उनकी याचिका को खारिज कर दिया था. इसके बाद दिवाकर नाथ त्रिपाठी ने हाई कोर्ट में रिव्यू पिटीशन फाइल भी फाइल किया था. कोर्ट ने उनकी रिव्यू पिटीशन को भी खारिज कर दिया था जिसके बाद उन्होंने सुप्रीम कोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया था, और अब उन्हें वहां से भी निराशा ही हाथ लगी है.
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