
मिकाएला शिफरीन इस समय दुनिया में किसी भी खेल में सबसे प्रभावी एथलीट हैं। 2018/19 सीज़न में शिफरीन ने 26 वर्ल्ड कप रेस में भाग लिया और उनमें से 17 में जीत हासिल की – एक ऐसा खेल जिसमें मिलीसेकंड में फैसला होता है और जिसमें मौसम और प्रकाश एक अहम भूमिका निभाता है। उसमें उनका यह एक असाधारण आंकड़ा है, वो भी तब जब आप 40 से अधिक अन्य शीर्ष स्तर के प्रतियोगियों के साथ रेस कर रहे हों।
2019 वर्ल्ड चैंपियनशिप के स्वर्ण पदक विजेता
25 वर्षीय खिलाड़ी ने उस सीज़न को ओवरऑल, स्लैलम, जाइंट स्लैलम और सुपर-जी वर्ल्ड कप चैंपियन के रूप में समाप्त किया – पहली बार किसी स्कीयर ने ये उपलब्धि हासिल की है। उन्होंने बेहतरीन तरीके से स्लैलम और सुपर-जी 2019 वर्ल्ड चैंपियनशिप के स्वर्ण पदक भी हासिल किए।
66वां वर्ल्ड कप जीता
जनवरी 2020 के अंत में अपनी 66 वीं वर्ल्ड कप जीत हासिल की, जिसने उन्हें सर्वकालिक सूची में तीसरा स्थान दिया। शीर्ष पर मौजूद खिलाड़ी प्रसिद्ध स्वीडिश रेसर इंगमार स्टेनमार्क, जिनके नाम पर 86 जीत दर्ज हैं, का मानना है कि वह 100 से अधिक बार वर्ल्ड कप पोडियम में टॉप पर पहुंचने वाली पहली और शायद एकमात्र स्कीयर होंगी। शिफरीन ने 66वां वर्ल्ड कप जीतने के बाद एनबीसी से कहा, “इस समय मुझे जिस चीज पर सबसे ज्यादा गर्व है, वह यह है कि मैं स्लैलम, सुपर-जी और डाउनहिल में जीतना जानती हूं, जिसकी मैंने कभी उम्मीद नहीं की थी।”
शिफरीन ने स्लैलम का खिताब जीता
शिफरीन ने अब तक ओलंपिक में दो स्वर्ण और एक रजत पदक जीता है जिससे वो अब तक की सबसे अधिक डेकोरेटेड अमेरिकी अल्पाइन स्कीयर बन गईं हैं। लेकिन ऐसा लगता है कि अभी और भी बहुत कुछ आना बाकी है। सोची 2014 में बहुत लोगों के उम्मीदों के अनुरूप शिफरीन ने स्लैलम का खिताब जीता, लेकिन इसके चार साल बाद प्योंगचांग में तेज हवाओं, कम्प्रेस्ड शेड्यूल और नर्व्स के बीच उनका गोल्डन स्वीप का सपना टूट गया।
फिर भी उन्होंने एक ऐसे डिसीप्लीन में ओलंपिक स्वर्ण जीता, जिसे उन्होंने 2014 में दुनिया के सबसे बड़े मंच पर प्रतिस्पर्धा करने के लिए अयोग्य महसूस किया था। शिफरीन ने कहा कि “प्योंगचांग में जीएस में स्वर्ण जीतना शायद हमेशा मेरे करियर के पसंदीदा क्षणों में से एक होगा। सिर्फ इसलिए कि जिसकी भी मुझे उम्मीद थी वो सब आज सिम्बलाइज्ड है।