
नीदरलैंड के खिलाफ वर्ल्ड कप शतक लगाकर बेन स्टोक्स आसमान में पिता की तरफ देखने लगे। दरअसल 8 दिसंबर 2020 को बेन स्टोक्स के पिता का कैंसर से निधन हो गया था। बीमारी का पता चलने के बाद करीब 5 सप्ताह तक वे जोहानिसबर्ग के अस्पताल में भर्ती रहे थे। गेड स्टोक्स रग्बी के खिलाड़ी और कोच थे।
पिता के निधन के बाद बेन स्टोक्स गहरे डिप्रेशन में चले गए थे। उन्हें इस बात का अफसोस सता रहा था कि क्रिकेट की वजह से बेन पिता के साथ वक्त नहीं गुजार सके। कई मौकों पर इंग्लिश क्रिकेट बोर्ड को बेन स्टोक्स की आवश्यकता थी, लेकिन बेन पश्चाताप की आग में जल रहे थे। वह क्रिकेट से दूर रहना चाहते थे।
बेन स्टोक्स ने तो क्रिकेट छोड़ने का भी मन बना लिया था। फिर उन्हें समझ आया कि पिता चाहते थे, स्टोक्स हमेशा क्रिकेट खेलें। इसलिए पिता की याद में बिना स्टोक्स ने फिर एक बार मैदान पर वापसी की। इंग्लैंड वर्ल्ड कप से तो बाहर हो गया, लेकिन बेन स्टोक्स ने नीदरलैंड के खिलाफ 84 गेंद पर 6 चौकों और 6 छक्कों की मदद से 108 रन की पारी खेल कर चैंपियंस ट्रॉफी क्वालिफिकेशन की उम्मीद जिंदा रखी। किसी ने सही कहा है।
इस दुनिया में बाप-बेटे से खूबसूरत कोई रिश्ता नहीं होता। बेन स्टोक्स के शतक के दम पर इंग्लैंड ने 339/9 बनाए, जवाब में नीदरलैंड 37.2 ओवर में 179 पर आउट हो गई। 160 रन से मैच हार गई। मैन ऑफ द मैच बेन स्टोक्स ने शतक पिता को समर्पित किया।