
Akhilesh Azam Meet 2025 : समाजवादी पार्टी में एक बार फिर भावनाओं का समंदर उमड़ा जब राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने रामपुर में पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खान से मुलाकात की. यह सिर्फ एक औपचारिक भेंट नहीं, बल्कि दिलों से दिलों की बातचीत थी – वो भी खामोशी में लिपटी हुई.
अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर तीन तस्वीरें साझा करते हुए लिखा,
“क्या कहें भला उस मुलाक़ात की दास्तान, जहाँ बस जज़्बातों ने खामोशी से बात की.”
इन शब्दों में सिर्फ शायरी नहीं, बल्कि एक पुराने रिश्ते की गहराई भी झलकती है.
रामपुर पहुंचकर अखिलेश यादव ने आजम खान का हालचाल जाना और उनके स्वास्थ्य की जानकारी ली. उन्होंने कहा,
“आजम खान हमारी पार्टी के दरख़्त हैं, जिनकी जड़ें बहुत गहरी हैं और जिनका साया हमेशा पार्टी पर बना रहा है.”
पीडीए की ताकत, बीजेपी पर वार
इस मुलाक़ात के ज़रिए अखिलेश यादव ने यह साफ संकेत दिया कि 2027 में समाजवादी पार्टी के पुनः सत्ता में आने की पूरी तैयारी है और पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) का गठजोड़ इस संघर्ष की सबसे बड़ी ताक़त होगा.
क्या कहें भला उस मुलाक़ात की दास्तान
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) October 8, 2025
जहाँ बस जज़्बातों ने खामोशी से बात की pic.twitter.com/uHFxDoKDTw
अखिलेश यादव ने बीजेपी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि आजम खान और उनके परिवार पर झूठे मुक़दमे लगाए गए हैं, जिनका कोई आधार नहीं है. उन्होंने वादा किया कि….
“आजम साहब पर जितने झूठे मुकदमे लगे हैं, सब वापस होंगे.”
एकजुट समाजवाद, 2027 की तैयारी
यह मुलाकात सिर्फ एक नेता से मिलने की नहीं थी, बल्कि यह एक संदेश था. पार्टी एकजुट है, पुराने साथी फिर से साथ हैं, और 2027 की लड़ाई के लिए मंच तैयार हो रहा है. राजनीतिक गलियारों में इस मुलाक़ात को समाजवादी परिवार में नई ऊर्जा और एकजुटता के संकेत के रूप में देखा जा रहा है. समाजवाद के पुराने सूरमाओं की वापसी, आने वाले समय में यूपी की राजनीति का रुख बदल सकती है.
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