Chhattisgarh : छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में कांग्रेस के नए जिलाध्यक्ष की नियुक्ति का मामला अब अंतिम दौर में पहुंच गया है। सूत्रों के मुताबिक प्रदेश कांग्रेस ने कोरबा शहर जिला अध्यक्ष पद के लिए प्राप्त 16 आवेदनों में से 6 नामों का पैनल तैयार किया है, जो 23 अक्टूबर को कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) के.सी. वेणुगोपालके समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा।
सूत्रों के मुताबिक पैनल में ये 6 नाम शामिल हैं
नाथूलाल यादव (वर्तमान जिलाध्यक्ष)
अभय तिवारी (एआईसीसी राष्ट्रीय समन्वयक, सोशल मीडिया एवं डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म्स)
पालूराम साहू, अर्चना उपाध्याय, मुकेश राठौर और सपना चौहान (पूर्व जिलाध्यक्ष)।
इन 6 दावेदारों में से शीर्ष तीन नामों को मुख्य चयन सूची में रखा जाएगा।सूत्रों के मुताबिक अभय तिवारी का नाम सबसे मजबूत उम्मीदवार के रूप में उभर कर सामने आ रहा है।
अभय तिवारीः युवा, जमीनी स्तर पर मजबूत और सोशल मीडिया पर प्रभावशाली चेहरा
अभय तिवारी कोरबा की राजनीति में कोई नया नाम नहीं हैं। उन्होंने छात्र राजनीति से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक पार्टी संगठन में कई महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभाई हैं। वे एनएसयूआई, यूथ कांग्रेसऔर इंटक (INTUC)जैसे संगठनात्मक मोर्चों पर सक्रिय रहे हैं।उनकी राजनीतिक यात्रा दो दशकों से अधिक की है और इसमें निरंतर संगठनात्मक योगदान दर्ज है।
ये रही अभय तिवारी की राजनीतिक यात्रा जो उन्हें मजबूत दावेदार बनाती है
• 1996–2001- एन.एस.यू.आई. छात्र नेता के रूप में संयुक्त सचिव, जिला कोरबा (शहरी)।
• 2001–2011- छात्र एवं युवा नेता के रूप में विद्यार्थियों और युवाओं के अधिकारों की रक्षा के लिए सक्रिय।
• 2011–2012- जिला कोरबा (छत्तीसगढ़) में यूथ इंटक (INTUC) के जिला महासचिव।
• 2012–2015- कोरबा विधानसभा युवा कांग्रेस, छत्तीसगढ़ के निर्वाचित महासचिव।
• 2014- नगर निगम चुनाव – कोरबा (छत्तीसगढ़) में पार्षद पद के लिए कांग्रेस प्रत्याशी।
• 2015–2017- कोरबा लोकसभा युवा कांग्रेस (छत्तीसगढ़) के नामित महासचिव।
• 2017–2019- छत्तीसगढ़ प्रदेश युवा कांग्रेस – सोशल मीडिया के राज्य समन्वयक।
• 2019–2023- भारतीय युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय समन्वयक – सोशल मीडिया।
झारखंड और मध्यप्रदेश युवा कांग्रेस सोशल मीडिया के प्रभारी।
• 2020–2023- कोरबा (छत्तीसगढ़) में ‘राजीव युवा मितान क्लब योजना’ के जिला संयोजक, छत्तीसगढ़ सरकार के अंतर्गत।
• 2024- ‘चुनाव-संचालक समिति’ के सदस्य – कोरबा लोकसभा, छत्तीसगढ़ (यह सीट जीती)।
• 2023 से अब तक- ए.आई.सी.सी. (AICC) राष्ट्रीय समन्वयक – सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स,साथ ही झारखंड प्रदेश कांग्रेस सोशल मीडिया के प्रभारी।
अभय तिवारी न केवल एक युवा और ऊर्जावान नेता के रूप में जाने जाते हैं, बल्कि डिजिटल और सोशल मीडिया रणनीति में उनकी भूमिका बेहद प्रभावशाली रही है। वर्तमान दौर में जब कांग्रेस पार्टी सोशल मीडिया को संगठनात्मक शक्ति के रूप में विकसित कर रही है, ऐसे में उनका अनुभव पार्टी के लिए बड़ी पूंजी साबित हो सकता है।
राजनीतिक समीकरण: युवा बनाम परंपरागत नेतृत्व
वर्तमान जिलाध्यक्ष नाथूलाल यादव की उम्र 67 वर्ष हैं, वो छत्तीसगढ़ राज्य विद्युत विभाग के रिटायर अधिकारी हैं। सूत्रों के मुताबिक उनकी कार्यशैली को लेकर संगठन के भीतर असंतोष के स्वर उभर रहे हैं। वहीं माना जा रहा है कि राहुल गांधी की मंशा है कि संगठन के पुनर्गठन में युवा और जमीनी कार्यकर्ताओं को आगे लाया जाए।अभय तिवारी इस नजरिए सेराहुल गांधी के “संगठन सृजन अभियान” के अनुरूप चेहरा हैं। वो न सिर्फ़ युवा हैं, बल्कि सोशल मीडिया पर काफी सक्रिय भी रहते हैं। वो नीतिगत रूप से स्पष्टऔर संगठन में निरंतर योगदान देने वाले जमीनी स्तर के कार्यकर्ता के रूप में पहचान बना चुके हैं।
‘अभय तिवारी को मिल रहा है चरणदास महंत का समर्थन’
राजनीतिक सूत्रों की मानें तो अभय तिवारी, प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष डॉ. चरणदास महंत के बेहद करीबी माने जाते हैं। महंत का कोरबा जिले में संगठन पर गहरा प्रभाव है और अगर उनका समर्थन अभय तिवारी के पक्ष में रहता है, तो उनकी दावेदारी और भी मजबूत मानी जा रही है।
जयसिंह अग्रवाल के 15 वर्षों के संगठनात्मक एकाधिकार को चुनौती
कोरबा शहर जिला कांग्रेस पर बीते 15 वर्षों से तीन बार के विधायक और एक बार के राजस्व मंत्री जयसिंह अग्रवाल का प्रभाव बना हुआ है। लेकिन इस बार राहुल गांधी के निर्देश पर कांग्रेस नेतृत्व संगठन को नए सिरे से तैयार कर रहा है, जहां “ग्रासरूट कार्यकर्ता” को प्राथमिकता दी जा रही है।यह बदलाव कोरबा की राजनीति में शक्ति-संतुलन को नया स्वरूप दे सकता है।
4000 कार्यकर्ताओं से वन-टू-वन चर्चा
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी ने इस चयन प्रक्रिया के लिए पूर्व राज्यसभा सांसद एवं राष्ट्रीय उपाध्यक्ष डॉ. आर.सी. खुंटिया को मुख्य पर्यवेक्षक नियुक्त किया है।डॉ. खुंटिया ने पिछले दो हफ्तों में ओडिशा से आकर कोरबा जिले में 4000 से अधिक कार्यकर्ताओं से व्यक्तिगत बातचीत की और 35 अलग-अलग बैठकें आयोजित कीं।उनकी रिपोर्ट 23 अक्टूबर को दिल्ली में के.सी. वेणुगोपाल के समक्ष रखी जाएगी, जिसके बाद अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
क्यों सबसे आगे हैं अभय तिवारी?
- लगातार 25 वर्षों से संगठन में सक्रिय भूमिका
- डिजिटल प्लेटफॉर्म और सोशल मीडिया पर राष्ट्रीय स्तर का अनुभव
- प्रदेश और राष्ट्रीय नेतृत्व से मजबूत कनेक्शन
- युवाओं में लोकप्रिय और नई पीढ़ी के प्रतिनिधि
- संगठन सृजन के राहुल गांधी के विज़न के अनुरूप चेहरा
कोरबा कांग्रेस जिलाध्यक्ष पद की दौड़ में भले ही 6 दावेदार मैदान में हैं, लेकिन राजनीतिक समीकरणों, संगठनात्मक सक्रियता और नेतृत्व के संकेतों को देखते हुए अभय तिवारी का नाम सबसे मजबूत और संभावित विजेता के रूप में उभर कर सामने आया है।अगर पार्टी युवा नेतृत्व को प्राथमिकता देती है, तो कोरबा कांग्रेस को एक नई ऊर्जा और दिशा देने वाले जिलाध्यक्ष बहुत संभव है कि अभय तिवारी ही हों।
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