Uttar Pradesh

UP में कफ सिरप तस्करी का पर्दाफाश, बर्खास्त सिपाही आलोक सिंह पर LOC

फटाफट पढ़ें:

  • आलोक सिंह पर LOC जारी
  • करोड़ों की संपत्ति का खुलासा
  • कफ सिरप तस्करी नेटवर्क बेनकाब
  • अमित टाटा से बड़ा खुलासा
  • खेप बांग्लादेश भेजी जाती थी

UP News : कफ सिरप तस्करी सिंडिकेट मामले में बर्खास्त सिपाही आलोक सिंह के खिलाफ एसटीएफ ने लुकआउट सर्कुलर जारी किया गया है. जांच एजेंसियों को शक है कि आलोक विदेश भाग गया है. पुलिस जल्द ही उसके खिलाफ गिरफ्तारी का वारंट जारी करेगी. एसटीएफ की कार्रवाई के बाद आलोक सिंह अंडरग्राउंड हो गया है. वह मूल रूप से उत्तर प्रदेश के चंदौली और लखनऊ के मालवीय नगर का निवासी रहा है.

लखनऊ में आलोक सिंह ने करोड़ों की संपत्तियां बनाई हैं. पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर के अनुसार, जौनपुर की वोटर लिस्ट में आलोक सिंह का पूर्व सांसद धनंजय सिंह का एक ही घर से जुड़ा हुआ दिखा. आलोक सिंह को बाहुबली पूर्व सांसद धनंजय सिंह का करीबी माना जाता है.

कफ सिरप तस्करी में आलोक सिंह बेनकाब

आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश में कफ सिरप तस्करी सिंडिकेट मामले में एसटीएफ ने बर्खास्त सिपाही आलोक सिंह की भूमिका का खुलासा किया है, आलोक सिंह पर आरोप है कि वह कोडीन-बेस्ड कफ सिरप की एक बड़ी गैर-कानूनी सप्लाई चेन चलाता था और साथ ही दो होलसेल ड्रग यूनिट भी चलाता था, एक झारखंड से और दूसरी वाराणसी से. यह खुलासा अमित कुमार सिंह उर्फ ​​अमित टाटा से पूछताछ के दौरान हुआ जो एक मुख्य ऑपरेटिव है और उसे बृहस्पतिवार को लखनऊ के गोमतीनगर में ग्वारी चौराहे के पास से गिरफ्तार किया गया था.

अमित की समानांतर सप्लाई चेन का खुलासा

अमित वाराणसी के वरुणा एन्क्लेव (कैंटोनमेंट) में रहता है और मूल रूप से जौनपुर का रहने वाला है. जांच टीम के मुताबिक, उसने फरार बर्खास्त STF कांस्टेबल के साथ मिलकर फेंसिडिल के लिए समानांतर होलसेल सप्लाई चेन तैयार की थी. यह कोडीन-बेस्ड कफ सिरप नशे के तौर पर इस्तेमाल होता है. अवैध खेपें उत्तर प्रदेश, बिहार, उत्तराखंड, पश्चिम बंगाल, असम भेजी जाती थी, जिसके बाद इन्हें बॉर्डर कूरियर के जरिए बांग्लादेश तक तस्करी किया जाता था.

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