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उत्तर प्रदेश में बाढ़ राहत की तेज रफ्तार: हर प्रभावित तक पहुंच रही मदद

अहम बातें एक नजर में

Flood Disaster 2025 : उत्तर प्रदेश इस समय बाढ़ की मार झेल रहा है. 22 जिलों की 48 तहसीलें और 589 गांव पानी में घिरे हुए हैं. हालात गंभीर हैं, लेकिन राहत और बचाव के मोर्चे पर सरकार पूरी तरह सक्रिय है. सबसे प्रभावित 12 जिलों में राहत कार्यों की निगरानी के लिए 11 मंत्रियों को प्रभारी बनाकर तैनात किया गया है. ये मंत्री खुद राहत शिविरों का निरीक्षण कर रहे हैं, पीड़ित परिवारों से बातचीत कर रहे हैं और देख रहे हैं कि किसी जरूरतमंद को मदद से वंचित न रहना पड़े.


बाढ़ पीड़ितों के लिए करोड़ों की मदद

बाढ़ राहत के लिए अब तक 76.58 करोड़ जारी किए जा चुके हैं. प्रभावित क्षेत्रों में 1517 बाढ़ चौकियां और 1222 शरणालय बनाए गए हैं. इन शरणालयों में अब तक 65,437 लोगों को सुरक्षित आश्रय मिल चुका है. स्वास्थ्य सेवाओं के लिए 1124 मेडिकल टीमें तैनात हैं, जो अब तक 5,83,758 क्लोरीन टैबलेट और 2,88,860 ORS पैकेट वितरित कर चुकी हैं, ताकि जलजनित बीमारियों से बचाव हो सके. अब तक 84,116 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया गया है. राहत टीमों ने 67,169 खाद्यान्न पैकेट और 7,99,734 लंच पैकेट पीड़ितों को उपलब्ध कराए हैं.


मकान, मवेशी और जान की हिफाजत में जुटी राहत टीमें

मकानों को हुए नुकसान का भी आंकड़ा सामने आया है. 573 मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं, जिनमें से 465 मकानों के मालिकों को मुआवज़ा मिल चुका है. साथ ही, 84,700 पशुओं के लिए 11,640.3 क्विंटल भूसा बांटा गया है. राहत और बचाव कार्यों में एनडीआरएफ की 16, एसडीआरएफ की 15 और पीएसी की 49.5 टीमें लगातार जुटी हुई हैं. कुल मिलाकर, बाढ़ से हालात मुश्किल हैं, लेकिन सरकार और राहत टीमें हर मोर्चे पर सक्रिय हैं. लक्ष्य साफ है.

हालांकि बाढ़ का पानी चाहे जितना भी बढ़ा हो, राहत की नाव उससे तेज चल रही है. सरकार, मंत्री, टीमें सब ही एक ही दिशा में जुटे हैं कि हर जरूरतमंद तक मदद, हर भूखे तक खाना और हर बेघर तक छत का सहारा मिले. मुश्किल वक्त है, लेकिन हिम्मत और तैयारी दोनों साथ हैं.


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