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नसरीन के कमरे से मिली छांगुर की ‘लाल डायरी’, नेता-अधिकारी होंगे बेनकाब, छिपे हुए हैं कई राज

Nasreen Room Diary : जलालुद्दीन छांगुर के कई राज जल्द खुल सकते हैं. छांगुर की करीबी नसरीन के पास डायरी में कई नेताओं और अधिकारियों के नाम मिले हैं, जिन्हें फंडिंग की गई.

जलालुद्दीन उर्फ छांगुर की सबसे भरोसेमंद नीतू उर्फ नसरीन के कमरे से बरामद ‘लाल डायरी’ कई खुलासे कर सकती है. लाल डायरी में ऐसे कई नेताओं के नाम मिले हैं, जिन्हें छांगुर ने विधानसभा चुनाव के दौरान मोटी रकम दी थी. छांगुर ऐसे नेताओं के समर्थन के लिए समय-समय पर लखनऊ भी जाता रहता है. छांगुर की अतीक अहमद के साथ तस्वीरें भी पहले ही शोसल मीडिया पर वायरल हैं. माना जा रहा है कि कई नेता और अधिकारी इस लाल डायरी से बेनकाब हो सकते हैं.

पुलिस अधिकारियों को मुख्य अतिथि के तौर पर बुलवाता था

मिली जानकारी के अनुसार छांगुर राजनीतिक और प्रशासनिक संरक्षण बनाए रखने के लिए प्रचार में ऐसे नेताओं पर बड़ी मात्रा में पैसे खर्च करता था, ताकि उसका राजनीतिक और प्रशासनिक संरक्षण बना रहे. नेताओं के कार्यक्रम और उसमें लगने वाला पूरा पैसा छांगुर ही खर्च करता था. गिरफ्तारी से पहले भी कई जलसों में वह पुलिस अधिकारियों को मुख्य अतिथि के तौर पर बुलाता था.

पूर्व आईपीएस अधिकारी से छांगुर के करीबी रिश्ते रहे

जांच में ये सामने आया कि एक पूर्व आईपीएस अधिकारी से छांगुर के करीबी रिश्ते रहे हैं. जांच में पता चला है की अवैध धर्मांतरण के खेल में उसे पुलिस अधिकारियों और प्रशासन से भी पूरा संरक्षण मिलता था. छांगुर को लगता था कि उसका कोई बाल बांका नहीं कर सकता है.

सभी विधानसभा क्षेत्रों में छांगुर की पैठ बढ़ी थी

वहीं नेपाल से सटे संवेदनशील बलरामपुर जिले की राजनीति को देखें तो बीते दस साल से सभी विधानसभा क्षेत्रों में छांगुर की पैठ बढ़ी थी. बात चाहे लोकसभा चुनाव की हो या फिर विधानसभा की, छांगुर सभी चुनाव में पूरी तरह से सक्रिय रहता था. प्रत्याशियों को फंडिंग करता था. अपने अनुयायियों से उनके पक्ष में वोट की अपील भी करता था. तहसील क्षेत्र में तो त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को सीधे प्रभावित कर रहा था. छांगुर खुद भी ग्राम प्रधान रह चुका था तो उसे इस चुनाव की अहमियत पता थी.

चुनाव मैदान में उतारने के लिए जमीन तैयार कर रहा था

यूपी एटीएस की जांच में नीतू उर्फ नसरीन के कमरे से बरामद लाल डायरी में ऐसे राजनेताओं के भी नाम मिले हैं, जिन्हें 2022 के विधानसभा चुनाव में छांगुर ने बड़ी रकम दी थी, चर्चा है कि उतरौला से एक पूर्व प्रत्याशी को छांगुर ने 90 लाख रुपये दिए थे, लेकिन वो चुनाव नहीं जीत सके. इस बार वो एक पूर्व आईपीएस अधिकारी को 2027 के विधानसभा चुनाव में उतरौला से चुनाव मैदान में उतारने के लिए जमीन तैयार कर रहा था.

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