
Maharashtra Politics : शिवसेना के विधायक संजय गायकवाड़ हाल ही में विधायक हॉस्टल के कैंटीन कर्मचारी से मारपीट की वजह से काफी चर्चा में हैं. अभी इस मामले का विवाद थमा भी नहीं था कि अब उन्होंने AIMIM नेता इम्तियाज जलील को पीटने की धमकी दी है.
शुक्रवार को ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिममीन (AIMIM) के नेता इम्तियाज जलील को बुरी तरह पिटने की धमकी दी. गायकवाड़ की यह टिप्पणी इम्तियाज जलील द्वारा कैंटीन कर्मचारी पर हमला करने के लिए उनकी आलोचना करने के बाद आई है. इम्तियाज जलील ने भी गायकवाड़ की चुनौती को स्वीकार करते हुए कहा कि वे समय और स्थान बताने के लिए तैयार हैं.
विपक्ष और सरकार दोनों ने निंदा की
विधायक संजय गायकवाड़, “बासी खाना” परोसने को लेकर कैंटीन के कर्मचारी के सात मारपीट करने के मामले में विवादों में घिर गए हैं. विधायक ने मंगलवार रात दक्षिण मुंबई स्थित आकाशवाणी विधायक हॉस्टल कैंटीन से रात का खाना मंगाया था लेकिन जब उनके कमरे में दाल-चावल पहुंचाया गया, तो वह कथित तौर पर बासी था और उसमें से बदबू आ रही थी. इससे नाराज विधायक कैंटीन में घुस गए और एक कर्मचारी को दाल का एक पैकेट सूंघने के लिए मजबूर किया और फिर उसे थप्पड़ मार दिया. इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसे विपक्ष और सरकार दोनों ने निंदा की है.
वह होटल चलाने की स्थिति में नहीं रहेंगे
AIMIM के पूर्व सांसद इम्तियाज जलील ने विधायक संजय गायकवाड़ की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि एक गरीब व्यक्ति की इस तरह से पिटाई करना ठीक नहीं है. जब संजय गायकवाड़ से मीडिया ने इम्तियाज जलील की टिप्पणी के बारे में पूछा तो उन्होंने कहा, “अगर ऐसा है, तो जलील भाई, आपको उस होटल (विधायक छात्रावास कैंटीन) को चलाने का ठेका लेना चाहिए और फिर उस तरह का खाना खिलाना चाहिए. मैंने उस आदमी (कैंटीन कर्मचारी) को दो बार मुक्का मारा, लेकिन मैं इम्तियाज जलील को इतनी बुरी तरह से पीटूंगा कि वह होटल चलाने की स्थिति में नहीं रहेंगे.
विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिख सकते थे
गायकवाड़ की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए इम्तियाज जलील ने कहा, मैं होटल चलाने की स्थिति में नहीं हूं. लेकिन अगर एक गरीब आदमी वेटर के रूप में काम कर रहा है और सत्तारूढ़ पार्टी का एक विधायक उसे सिर्फ इस वजह से पीट रहा है कि उसे सही खाना नहीं मिला, तो क्या उन्हें यह नहीं समझना चाहिए कि विधानसभा में नियमों का पालन किया जाता है? यदि संजय गायकवाड़ थोड़े अधिक शिक्षित होते, तो वे इस मुद्दे पर विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिख सकते थे, उन्होंने यह भी कहा, यदि अध्यक्ष उनकी बात को गंभीरता से लेते, तो निश्चित रूप से उस पर कार्रवाई की जाती.
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