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ज्ञानवापी में फिर उठी शिवलिंग बनाम फव्वारा बहस! राखी सिंह ने कोर्ट में ठोकी याचिका – जानिए अब क्या होगा सर्वे का सच?

Gyanvapi Case : ज्ञानवापी का मुद्दा एक बार फिर विवादों में आ गया है क्योंकि श्रृंगार गौरी केस की मुख्य पक्षकार राखी सिंह ने 21 अक्टूबर 2023 को वाराणसी सिविल कोर्ट वाले फैसले के खिलाफ इलाहाबाद हाईकोर्ट में सिविल रिवीजन याचिका दायर की है। बता दें कि इस याचिका के जरिए यह मांग की गई है कि ज्ञानवापी मस्जिद परिसर के पास बने वजुखाना क्षेत्र का एएसआई सर्वे किया जाए , जिसे निचली अदालत ने खारिज कर दिया था. वही इस पर हिंदू पक्ष का कहना है कि वजुखाने में मौजूद संरचना शिवलिंग है, जबकि मुस्लिम पक्ष इसे सिर्फ एक फव्वारा मानता है. यही मुद्दा विवाद की जड़ बना हुआ है.


हाईकोर्ट में दो मामलों की संयुक्त सुनवाई

बता दे कि ज्ञानवापी मस्जिद के अलावा हाईकोर्ट में और भी अन्य याचिका लंबित है, जिसमे स्वयंभू भगवान विश्वेश्वर और चार अन्य केस दाखिल किए हैं. यह याचिका 1991 में दाखिल केस के तहत और वैज्ञानिक सर्वेक्षण की मांग करती है। हाईकोर्ट ने दोनों याचिकाओं को एक साथ जोड़कर सुनवाई करने का आदेश दिया है. साथ ही इस्से पहले अदालत की पिछली सुनवाई मे अंजुमन इंतजामिया मस्जिद कमेटी और सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड से जवाब मांगा था. जिसकी पूरी सुनवाई की निगरानी जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल की बेंच कर रही है.


सुप्रीम कोर्ट की रोक भी बनी चुनौती

बता दे कि इस पूरे मामले में एक अहम पहलू सामने आया है कि जब तक मुख्य याचिका पर फैसला नहीं आता तब तक के लिए सुप्रीम कोर्ट ने सभी निचली अदालतों को अंतरिम आदेश पारित करने से रोका हुआ है. इस वजह से हाईकोर्ट भी सीमित अधिकारों में सुनवाई कर रहा है. इस केस को लेकर एक बार फिर से सवाल उठ रहा है कि क्या ज्ञानवापी वजुखाना क्षेत्र का वैज्ञानिक सर्वे होना चाहिए या नहीं? अब जानना यह है कि इलाहाबाद हाईकोर्ट का इसपर क्या आगामी फैसले होगा.


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