Agra Digital arrest case : समझाने के बाद भी सदमे से उबर न सकीं और तोड़ दिया दम…

Agra Digital arrest case : आगरा में एक शिक्षिका की मौत से सबको हिला कर रख दिया है. इस घटना ने लोगों को यह सोचने पर मजबूर किया है कि आखिर साइबर ठग किसी को इतना प्रताड़ित भी कर सकते हैं कि कोई सदमे में अपनी जान से ही हाथ धो बैठे. ऐसा ही कुछ इस शिक्षिका के साथ हुआ. जो शिक्षिका होने के साथ साथ दो बेटियों की मां भी थी. एक मां जो अपनी बेटियों की इफाजत में दिन रात एक कर देती है. वो बचाना चाहती है उन्हें हर बुरी नजर से.
परिवार में थे पांच सदस्य… अब सिर्फ चार
आखिर ऐसा क्या हुआ था उनके साथ..? बता दें कि मालती वर्मा जो परिवार के साथ आगरा के सुभाष नगर अलबतिया में रहती थीं. वो राजकीय कन्या जूनियर हाईस्कूल अछनेरा में शिक्षिका थीं. उनके पति शिवचरण वर्मा एक प्राइवेट कंपनी में जॉब करते थे जो तीन दिन पहले ही रिटायर हुए थे. बेटा दीपांशु जो कि आगरा में रहकर ही अपना बिजनेस करता है. तो वहीं दो बेटियां पढ़ाई कर रही हैं.
30 सितंबर की घटना
बीते 30 सितंबर को मालती जब स्कूल में थीं तो उनके मोबाइल पर एक कॉल आया. कॉल की डीपी पर एक व्यक्ति की वर्दी पहने फोटो लगी हुई थी. कॉल पर बताया गया कि उनको बेटी को पुलिस ने पकड़ा है. वो एक सैक्स रैकेट में पकड़ी गई है. यदि आप चाहती हैं कि इस मामले में कोई केस न बने, आपकी बेटी और आपके परिवार की बदनामी न हो इसलिए आप एक लाख रुपये भेज दो… उसे छोड़ दिया जाएगा. उन्होंने इसके लिए मालती को एक नंबर भेजा जिसपर रकम भेजनी थी.
बेटे ने समझाया था
इसके बाद मालती से यह भी कहा कि 15 दिन में अगर रकम नहीं भेजी गई तो कार्रवाई की जाएगी. इसके बाद घबराई हुई मालती वर्मा ने अपने बेटे से बैंक अकाउंट से एक लाख रुपये निकाल कर उसी नंबर पर भेजने के लिए कहा. बेटे ने जब नंबर देखा तो उसे कुछ शक हुआ. उसने मां से पूरी बात पूछी. तो मालती ने कहा कि अपनी बहनों को बचा लो. दीपाशुं ने मां को बताया कि यह पाकिस्तान का नंबर लग रहा है. यह फ्रॉड है. दीपाशुं ने मां को बहुत समझाया लेकिन मां सदमें से उबर नहीं पा रही थी.
बेटियों ने भी फोन पर कही थी सुरक्षित होने की बात
इस पर दीपांशु ने दोनों बहनों को फोन करके कहा कि वो मां से बात कर लें. दोनों बेटियों ने मां से बात की और अपने सुरक्षित होने की बात कही. साथ ही कहा कि ऐसा कुछ नहीं है और वो न घबराएं. इन सबके बावजूद भी मालती सदमें से बाहर नहीं निकल पाईं और उसी दिन दोपहर साढ़े तीन बजे उनकी तबीयत ज्यादा बिगड़ गई. दीपांशु उन्हें अस्पताल ले गया लेकिन तब तक मालती ने दम तोड़ दिया. इसके बाद परिवार ने एक अक्टूबर को मालती का अंतिम संस्कार कर दिया.
घटना के तीन दिन बाद की पुलिस से शिकायत
तीन अक्टूबर को दीपांशु ने मामले की शिकायत पुलिस से की और सारे सबूत भी पुलिस को दिए. मामले में जगदीशपुरा थाना प्रभारी आनंदवीर सिंह ने बताया कि मामला डिजिटल अरेस्ट से संबंधित था. इसी के चलते सदमें में मालती की जान चली गई. परिवार ने देर से शिकायत की. घटना 30 सितंबर की थी और जानकारी तीन अक्टूबर को दी गई. पुलिस मामले की जांच कर रही है.
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