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CAS के फैसले के बाद छलका महावीर फोगाट दर्द, विनेश के संघर्ष को किया याद, बोले… विनेश चैंपियन है

Mahavir Phogat : कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट्स के फैसले से सिर्फ विनेश की नहीं 140 करोड़ देशवासियों के दिल को तोड़ कर रख दिया. विनेश को मेडल न मिलने से उनके ताऊ और कुश्ती के गुर सिखाने वाले महावीर फोगाट भी काफी दुखी हैं. अब उनका दर्द छलक आया है. उन्होंने कहा कि विनेश चैंपियन है. जब वो भारत लौटेगी तो उसका भव्य स्वागत किया जाएगा.

छह साल की उम्र में सीखने शुरू कर दिए थे कुश्ती के गुर

एक मीडिया हाउस को दिए इंटरव्यू में महावीर फोगाट ने अपना दर्द बयां किया. उन्होंने याद किया कि जब विनेश छह साल की थी तब उनके भाई अपनी बेटी विनेश को उनके पास कुश्ती के गुर सिखाने के लिए लाए थे.

पिता की मृत्यु के बाद भी नहीं टूटा हौसला

इसके बाद जब महावीर ने उन्हें कुश्ती के गुर सिखाना शुरू किए तो उन्हें शुरू में ही एहसास हो गया कि विनेश एक शानदार पहलवान बनेगी. वकौल महावीर सिंह फोगाट जब विनेश के पिता की मृत्यु हुई तो भी विनेश अपनी हिम्मत बटोर पिता की मौत के सिर्फ नौ दिन बाद ही अखाड़े में आ गई थी.

कभी नहीं मानी हार

भयंकर लू, बरसात और कड़कड़ाती ठंड भी उसके हौसले को डिगा न सकी थी. वह सुबह चार बजे अखाड़े में आती और सबसे बाद में जाती. महावीर बताते हैं कि विनेश की पिता की मृत्यु के बाद उन्होंने उसे अपनी बेटी की तरह पाला. विनेश के संघर्ष को याद करते हुए महावीर सिंह फोगाट कहते हैं कि उसने कभी हार नहीं मानी. उन्होंने कहा कि कि कुश्ती में विनेश ने जो किया है वो हमेशा याद रखा जाएगा.

रियो ओलंपिक में इंजरी के कारण होना पड़ा था बाहर

महावीर फोगाट ने बताया कि 2016 में रियो ओलंपिक में विनेश ने शानदार प्रदर्शन किया लेकिन इंजरी के चलते उसे बाहर होना पड़ा, इससे वो बहुत दुखी थी. इसके बाद टोक्यो ओलंपिक में विनेश का प्रदर्शन अच्छा नहीं रहा लेकिन उसने हार नहीं मानी. अब पेरिस ओलंपिक-2024 में विनेश शानदार प्रदर्शन कर रही थी. उसने वर्ल्ड की नंबर एक पहलवान युई सुसाकी को पटखनी थी. लेकिन दुर्भाग्यवश वह डिसक्वालीफाई हुई. महावीर ने कहा कि विनेश चैंपियन है.

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