Om Shaped Temple: राजस्थान के पाली में बना दुनिया का पहला ॐ आकार वाला शिव मंदिर
Om Shaped Temple: ॐ की आकृति वाला शिव मंदिर राजस्थान के पाली जिले की मारवाड़ तहसील के जाडन गांव में लगभग बनकर तैयार है। श्री महेश्वरानंद ने कहा कि मंदिर का अधिकांश काम पूरा हो चुका है। यह ॐ का पहला मंदिर होगा। ॐ श्री विश्व दीप गुरुकुल स्वामी महेश्वरनंद शिक्षा एवं शोध संस्थान आश्रम में बन रहा है। इसे बनाने के लिए चार साल का व्यापक शोध और अध्ययन किया गया।
इस मंदिर को बनाने में 28 वर्ष लगे। 23 जनवरी 1995 से इसे बनाया जा रहा है। राजस्थान के पाली में स्थित इस विशाल ॐ मंदिर की ऊंचाई 252 मीटर है और पश्चिम से पूर्व 185 मीटर है। मंदिर 38.05 मीटर की ऊंचाई पर है। गुलाबी पत्थर से निर्मित ॐ मंदिर में प्राचीन शास्त्रोक्त हस्तकला से परिपूर्ण दक्षिण भारतीय नागर शैली की उत्कृष्ट स्थापत्य वास्तुकला की झलक देखने को मिलेगी।
Om Shaped Temple: मंदिर का ऐसा है वास्तु
ॐ मंदिर एक कगार मंजिला है, एक भूगर्भ में। मंदिर में 108 सुंदर चित्रित कमरे हैं। मंदिर के मध्य तल में ब्रह्मलीन श्री स्वामी माघवानन्द पुरी जी महाराज की समाधि है, जिस पर सप्तऋषि की मूर्ति है। सामाजिक भवन में चौबीस अवतारों का चित्रण है।
शिव परिवार मंदिर के मध्य में द्वादश ज्योतिर्लिंग के साथ स्थापित होगा। भगवान शिव की 108 मूर्तियां गर्भगृह में लगेंगी। स्फटिक शिवलिंग मंदिर की तीसरी मंजिल पर होगा। चौथी मंजिल पर ब्रह्मांड की कल्पना साकार होगी। मंदिर के अग्रभाग में विशाल सभागार है, जिसमें 108 कुर्सी हैं।
इस मंदिर में दो हजार स्तंभ हैं, जो शिल्पकला से अलंकृत हैं। शिव मंदिर में 200 स्तंभ हैं, जिन पर कई देवी देवताओं की मूर्तियां हैं। मंदिर में 108 कक्ष हैं। 135 फीट ऊंचा मंदिर का शिखर है। खास बात यह है कि आश्रम के निर्माण में धौलपुर का बंसी पहाड़ का पत्थर प्रयोग किया गया है।
Om Shaped Temple: 10 फरवरी को होगा लोकार्पण
10 फरवरी को पाली जिले के जाडन गांव में विश्व का सबसे बड़ा ॐ आकार का भगवान शिव मंदिर का उद्घाटन होगा। देश भर की प्रमुख हस्तियों के अलावा 60 देशों से विदेशी मेहमान इस मौके पर उपस्थित होंगे। यह ऐतिहासिक क्षण धार्मिक और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को अद्वितीय रूप से संजोएगा।
कार्यक्रम की तैयारियां बहुत जल्दी चल रही हैं। पाली में उत्साह और उत्साह का वातावरण है। आश्रम परिसर में सौ स्वीट होम बनाए गए हैं, जहां मेहमानों को ठहराया जाएगा। 19 फरवरी को मुख्य समारोह होगा, जिसमें सांस्कृतिक कार्यक्रम, पूजा-अर्चना और विशेष आकर्षण होंगे।
भारत की सांस्कृतिक विरासत को मजबूत करने के लिए यह मंदिर महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है। इसके अलावा, यह दूसरे देशों की संस्कृतियों के साथ भारतीय संस्कृति के एकीकरण को बढ़ावा देगा। ॐ के आकार का यह विश्व का एकमात्र भव्य मंदिर है, जहां तालाब और पहाड़ भी नकली हैं। 250 एकड़ में स्थित चार मंजिला इमारत में 108 कमरे हैं, जो ॐ का आकार साकार करते हैं।
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