इलाहाबाद हाईकोर्ट: दूसरी शादी को अमान्य घोषित करने का हक़

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इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हिंदू विवाह अधिनियम, 1955 की धारा 11 के तहत पति की दूसरी शादी को शून्य घोषित करने के लिए पहली पत्नी के अधिकार को बरकरार रखा है। उक्त आदेश न्यायमूर्ति सौमित्र दयाल सिंह और न्यायमूर्ति विनोद दिवाकर की खंडपीठ ने गरिमा सिंह की याचिका पर सुनवाई करते हुए पारित किया।

न्यायालय ने माना कि हिंदू विवाह अधिनियम एक सामाजिक-कल्याणकारी कानून है, जिसका उद्देश्य पहली पत्नी के अधिकारों की रक्षा करना है। मौजूदा मामले में दूसरी पत्नी ने यह दावा करते हुए हाईकोर्ट का रुख किया कि पहली पत्नी हिंदू विवाह अधिनियम, 1955 की धारा 11 के तहत दूसरी पत्नी और उसके पति (मृतक) के खिलाफ मामला दर्ज नहीं कर सकती।