तिहाड़ जेल में भूख हड़ताल पर बैठा यासीन मलिक, सरकार के आगे रखी यह मांग

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मई 2022 में यासीन मलिक को आपराधिक षडयंत्र रचने और राज्य के खिलाफ युद्ध छेड़ने से जुड़े मामलों में दोषी ठहराया गया और अभी वो उम्रकैद की सजा काट रहा है।

यासीन मलिक
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दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद आतंकी संगठन जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट का चीफ यासीन मलिक जेल के अंदर भूख हड़ताल पर बैठ गया है। मलिक ने आरेप लगाते हुए जेल प्रशासन को कहा कि उसके मामले की ठीक से जांच नहीं हो रही है इसलिए वह भुख हड़ताल पर बैठा है।

दरअसल अप्रैल, 2019 में एनआईए ने जम्मू-कश्मीर में टेरर-फंडिंग और अलगाववादी समूहों से जूड़े मामले में यासीन मलिक को गिरफ्तार किया था। तो वहीं इससे पगले मलिक ने 13 जुलाई को दिल्ली के विशेष अदालत से पूर्व मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी रुबिया सईद के अपहरण से जुड़े मामले में प्रत्यक्ष रुप से पेश होने और गवाहों से खुद जिरह करने की अनुमति मांगी थी।

मई 2022 में यासीन मलिक को आपराधिक षडयंत्र रचने और राज्य के खिलाफ युद्ध छेड़ने से जुड़े मामलों में दोषी ठहराया गया और अभी वो उम्रकैद की सजा काट रहा है।

फिलहाल यासीन की भूख हड़ताल के बाद सुरक्षा इंतजाम पुख्ता कर दिए गए हैं। साथ ही अब मेडिकल टीम भी अलर्ट पर रखी गई है ताकि अगर उसकी तबीयत बिगड़ती है तो तत्काल इलाज मुहैया कराया जा सके। साथ ही किसी भी आपात स्थिति में उसे दिल्ली के किसी अस्पताल में भर्ती करने के इंतजाम भी किए गए हैं।

मलिक को 2017 के आतंकी वित्तपोषण मामले के सिलसिले में 2019 की शुरुआत में राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) द्वारा गिरफ्तार किया गया था। वर्तमान मामला आठ दिसंबर, 1989 को जेकेएलएफ द्वारा रुबिया सईद का अपहरण किए जाने से संबंधित है। भारतीय जनता पार्टी समर्थित तत्कालीन वी. पी. सिंह सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जकेएलएफ) के पांच आतंकवादियों को रिहा किए जाने के बाद 13 दिसंबर को अपहर्ताओं ने रुबिया को मुक्त कर दिया था। यह मामला ठंडे बस्ते में चला गया था और मलिक को 2019 में एनआईए द्वारा पकड़े जाने के बाद यह मामला पुनर्जीवित हो गया था।