चंदौली: अध्यापक का हुआ ट्रांसफर तो फूट-फूटकर रोने लगे स्कूल के बच्चे, Video Viral

चंदौली: खबर यूपी के जनपद चंदौली से है। आपने लापरवाह अध्यापकों के बारे में सुना ही होगा, स्कूल से महीनों गायब रहना, स्कूल पहुँचने के बाद मेज पर टांग फैलाकर सोते रहना, स्कूल के बच्चों को बेरहमी से पीटना, इन सब मामलों से हम और आप आये दिन रूबरू होते रहते हैं। लेकिन इन्ही अध्यापकों में कुछ ऐसे भी अध्यापक हैं जो अपनी जिम्मेदारी का बखूबी निर्वहन करते हैं और ऐसे अध्यापकों से स्कूल के बच्चे भी प्यार करते हैं ऐसे अध्यापकों का अपने स्कूल से किसी दूसरे स्कूल में ट्रांसफर हो जाने पर बच्चे फूट फूटकर रोएं (Chandauli Viral Video) तो ये किसी फिल्म की स्टोरी जैसा लगता है। लोग सोचने पर मजबूर हो जाते हैं। क्या ऐसा भी हो सकता है। लेकिन ये सौ फीसदी सच है।
अध्यापक का हुआ ट्रांसफर तो फूट-फूटकर रोने लगे स्कूल के बच्चे
हम आज आपको बताएंगे ऐसे अध्यापक (Chandauli Viral Video) के बारे में जिसका गैर जनपद में ट्रांसफर हो जाता है। जैसे ही अपने चहेते अध्यापक के ट्रांसफर होने की बात स्कूल के बच्चों को पता चलती है। बच्चे अपने अध्यापक के गले से लिपट कर फूट फूटकर रोने लगते हैं। इस मार्मिक दृश्य को जिस किसी ने भी देखा वो अपनी आँखों के आंसू रोक नहीं पाया।
दरअसल पूरा मामला चकिया बीआरसी क्षेत्र के कंपोजिट विद्यालय रतिगढ़ (Chandauli Viral Video) का है जहाँ हरदोई जिले के रहने शिवेन्द्र बघेल की बतौर सहायक अध्यापक कंपोजिट विद्यालय रतिगढ़ में पहली पोस्टिंग होती है। थोड़े ही दिन में अपने कुशल ब्यवहार और कर्त्तव्य निष्ठा के कारण शिवेंद्र स्कूल बच्चों के चहेते बन जाते हैं। शिवेंद्र बघेल अपने तीन साल के कार्यकाल में पूरी मेहनत और लगन के साथ स्कूल के बच्चों के भविष्य संवारने लगे रहे। इनके मेहनत और लगन का ही परिणाम रहा कि जिस सरकारी स्कूल से लोंगों का मोह भंग हो था। उस सरकारी स्कूल बच्चों की अच्छी खासी तादात थी।
ये वीडियो कई लापरवाह अध्यापकों के लिए एक सबब
लेकिन एक दिन ऐसा भी आया कि शिवेंद्र बघेल का ट्रांसफर (Chandauli Viral Video) हरदोई जिले में हो गया। अपने चहेते अध्यापक के ट्रांसफर की बात जैसे ही स्कूल के बच्चों को पता चली। सभी बच्चे अपने अध्यापक के गले से लिपटकर जोर जोर से रोने लगे। शिवेंद्र सिंह बच्चों को लाख समझा रहे थे लेकिन बच्चे चुप होने का नाम ही नहीं ले रहे थे। अगर बच्चों का बस चलता तो अपने चहेते अध्यापक को कभी जाने ही नहीं देते। ये वो मार्मिक पल था जिसे देखकर किसी भी आँखे भर आती। ये वीडियो उन लापरवाह अध्यापकों के लिए एक सबब है। शिवेंद्र के ब्यवहार और आचरण से अन्य अध्यापकों को सीख लेनी चाहिए कि अपने पद और प्रतिष्ठा की गरिमा किस तरह से बनायी जाती है।