
Utarakhand Cloud Burst : उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में धराली गांव के पास मंगलवार को बादल फटने और भूस्खलन की घटना ने भारी तबाही मचाई. इस प्राकृतिक आपदा में 50-60 लोगों के लापता होने की खबर है, और चार लोगों की मौत की पुष्टि हुई है. खीर गंगा नदी में अचानक उफान और मलबे ने धराली बाजार, होटल, और घरों को तहस-नहस कर दिया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्थिति पर चिंता जताई और तत्काल राहत कार्यों का निर्देश दिया. सेना, एनडीआरएफ, और एसडीआरएफ की टीमें बचाव कार्य में जुटी हैं.
धराली में बादल फटने से प्रलयकारी स्थिति
मंगलवार को दोपहर करीब 1:45 बजे धराली के सुखी टॉप क्षेत्र में बादल फटने से खीर गंगा नदी में अचानक बाढ़ आ गई. इसके बाद भूस्खलन ने धराली बाजार और आसपास के इलाकों को मलबे के ढेर में बदल दिया. कई घर, 20-25 होटल, और होमस्टे पूरी तरह नष्ट हो गए. प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि मिनटों में बाजार पानी और मलबे में डूब गया, जिससे लोग कुछ समझ पाते, उससे पहले ही सब कुछ तबाह हो चुका था.
दर्जनों लोग हुए लापता
जिला प्रशासन के अनुसार, इस हादसे में चार लोगों की मौत हो चुकी है, और 50-60 लोग लापता हैं. स्थानीय लोगों का कहना है कि मलबे में कई लोग दबे हो सकते हैं. गंगोत्री धाम का संपर्क जिला मुख्यालय से कट गया है, जिससे राहत कार्यों में चुनौतियां बढ़ रही हैं. प्रशासन ने लापता लोगों की तलाश तेज कर दी है, लेकिन भारी बारिश और मलबा बचाव कार्यों में बाधा डाल रहा है.
राहत और बचाव अभियान शुरू
हादसे की खबर मिलते ही भारतीय सेना ने तुरंत कार्रवाई शुरू की. करीब 150 जवान घटनास्थल पर पहुंचे और अब तक 15-20 लोगों को सुरक्षित निकाला गया है. एनडीआरएफ की चार और आईटीबीपी की तीन टीमें भी बचाव कार्य में जुटी हैं. घायलों को हर्षिल में सेना के मेडिकल कैंप में इलाज दिया जा रहा है. राज्य सरकार ने वायुसेना से हेलीकॉप्टर की मदद मांगी है, और शास्त्रधार हवाई पट्टी पर अतिरिक्त टीमें तैनात की जा रही हैं.
पीएम मोदी ने लिया जायजा
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से फोन पर बात कर स्थिति का जायजा लिया. उन्होंने सोशल मीडिया पर लिखा, “धराली में हुई इस आपदा से प्रभावित लोगों के प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं हैं. मैं सभी के सुरक्षित होने की कामना करता हूं. केंद्र सरकार हर संभव मदद के लिए तैयार है.” मुख्यमंत्री धामी ने भी राहत कार्यों की निगरानी शुरू कर दी और कहा, हमारी टीमें दिन-रात राहत और बचाव में जुटी हैं. प्रभावित लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है. गृह मंत्री अमित शाह ने भी सीएम से बात कर केंद्र की ओर से पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया.
हेल्पलाइन नंबर जारी, प्रशासन अलर्ट
उत्तरकाशी जिला प्रशासन ने लोगों की सहायता के लिए हेल्पलाइन नंबर जारी किए हैं: 01374-222126, 222722, 9456556431. प्रशासन ने लोगों से नदी किनारे न जाने और सुरक्षित स्थानों पर रहने की अपील की है. जिला मजिस्ट्रेट प्रशांत आर्य और गढ़वाल मंडल आयुक्त विनय शंकर पांडे ने बताया कि राहत कार्यों में कोई कमी नहीं छोड़ी जा रही है.
धराली में भयावह मंजर
स्थानीय निवासियों ने बताया कि बादल फटने के बाद खीर गंगा नदी का जलस्तर कुछ ही सेकंड में इतना बढ़ गया कि पूरा बाजार मलबे और पानी में बह गया. कई लोग अपनी जान बचाने के लिए पहाड़ियों की ओर भागे. एक स्थानीय निवासी ने कहा, “यह 2013 की केदारनाथ त्रासदी जैसा था. हमारी आंखों के सामने सब कुछ खत्म हो गया.” वायरल वीडियो में लोग चीखते और मदद मांगते नजर आए.
आपदा प्रबंधन और भविष्य की सावधानियां
यह घटना उत्तराखंड में प्राकृतिक आपदाओं की बार-बार होने वाली त्रासदियों को रेखांकित करती है. विशेषज्ञों का कहना है कि अनियोजित निर्माण और पर्यावरणीय असंतुलन इस तरह की घटनाओं को बढ़ावा दे रहे हैं. लोगों को सलाह दी जाती है कि वे भारी बारिश के दौरान नदी किनारे न जाएं और आपदा अलर्ट का पालन करें. प्रशासन ने भी भविष्य में ऐसी घटनाओं से निपटने के लिए बेहतर तैयारियों का दावा किया है.
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