
नई दिल्ली: लंदन के एक हाई कोर्ट जज ने सोमवार को नीरव मोदी को भारत प्रत्यर्पण के ख़िलाफ़ अपील करने की इजाजत दे दी है।
इससे पहले एक मजिस्ट्रेट कोर्ट ने भारत में धोखाधड़ी, मनी लॉन्ड्रिंग और देश छोड़कर भागने के आरोपों का सामना कर रहे नीरव मोदी को प्रत्यर्पित किए जाने के पक्ष में फ़ैसला दिया था।
लंदन के हाई कोर्ट जज के सामने नीरव मोदी की ओर से अपील की गई थी कि वो अपने मानसिक स्वास्थ्य और मानवाधिकारों के बुनियाद पर इसकी इजाज़त चाहते हैं।
जिसके बाद नीरव मोदी के वकीलों ने जस्टिस मार्टिन चैम्बरलेन के कोर्ट को जानकारी दी कि उनके मुवक्किल ‘गहरे अवसाद यानी कि डिप्रेशन’ में हैं और उन्हें डर है कि कहीं वो कहीं ‘खुदकुशी न कर लें, क्योंकि उन्हें लगता है कि गहरे अवसाद के कारण वो खुदकुशी भी कर सकते’ हैं।
इस संबंधित मामले में भारत सरकार की पैरवी कर रहे इंग्लैंड के क्राउन प्रॉसिक्यूशन सर्विस ने नीरव मोदी की चिंताओं को खारिज करने की मांग की है। उन्होंने हाई कोर्ट से कहा है कि उनकी ये याचिका खारिज कर दी जानी चाहिए।
साथ ही नीरव मोदी के वकील ने कोर्ट को ये तर्क भी दिया था कि उनके मुवक्किल को मुंबई के आर्थर रोड जेल में रखा जाएगा जहां कोविड के कई मामले हैं, वहां संक्रमण की खराब स्थिति है और अगर ऐसा होता है तो उनके मुवक्किल की मानसिक स्थिति और बिगड़ जाएगी।