
Supreme Court: देश की शीर्ष अदालत ने हाल ही में गैरकानूनी गतिविधियां रोकथाम अधिनियम (यूएपीए) से संबंधित एक फैसले में विशेष राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) अदालत के न्यायाधीश के खिलाफ गुवाहाटी हाई कोर्ट द्वारा की गई कुछ टिप्पणियों को हटा दिया। जस्टिस एएस बोपन्ना और पीएस नरसिम्हा की बेंच ने कहा कि हाई कोर्ट के बाकी फैसले लागू रहेंगे लेकिन जज के खिलाफ प्रतिकूल टिप्पणियों को हटा दिया जाएगा।
Supreme Court: प्रतिकूल टिप्पणी माना जाएगा समाप्त
कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा, “हमारी राय है कि पैराग्राफ 130, 190,191, 192, 193,194 और 233 और आदेश के किसी भी अन्य प्रासंगिक हिस्से में याचिकाकर्ता के खिलाफ प्रतिकूल टिप्पणियों को समाप्त माना जाएगा और किसी भी तरह से याचिकाकर्ता के खिलाफ नहीं माना जाएगा।
एनआईए साबित करने में रही विफल
बता दें कि याचिकाकर्ता न्यायाधीश ने उच्च न्यायालय द्वारा उनके खिलाफ की गई टिप्पणियों के खिलाफ शिकायत करते हुए शीर्ष अदालत का रुख किया, जिसने यूएपीए मामले में उनके द्वारा दी गई सजा को पलट दिया था। उच्च न्यायालय ने आरोपियों को बरी करते हुए कहा था कि एनआईए यह साबित करने में विफल रही है कि आरोपी आपराधिक साजिश में शामिल थे।
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