UP: नए सत्र में महंगी हुई कॉपी किताबों के दाम घटाने की मांग, गंभीरता से उठाए गए सवाल

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UP: समाजवादी व्यापार सभा ने उत्तर प्रदेश सरकार से नए शैक्षणिक सत्र में महंगी हुई कॉपी किताबों के दाम घटाने की मांग की है ताकि पहले से ही महंगाई और मंदी से परेशान अभिभावकों को राहत मिल सके। लखनऊ में समाजवादी व्यापार सभा के प्रदेश कैम्प कार्यालय पर आयोजित बैठक में प्रदेश कोर कमेटी के पदाधिकारियों ने इस मामले को गंभीरता से उठाया।

व्यापार सभा के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप जायसवाल ने कहा कि व्यापारी, नौकरीपेशा और किसान सभी अभिभावक होते हैं। निजी स्कूलों में सबसे ज्यादा व्यापारी परिवार के बच्चे पढ़ते हैं, लगातार हर जिले से शिकायते आ रही है कि नए शैक्षणिक सत्र में अभिभावकों की परेशानियां बढ़ गई हैं क्योंकि बच्चों की किताब-कॉपियों की कीमतों में भारी वृद्धि हो गई है। बच्चों और अभिभावकों पर यह एक बहुत बड़ा बोझ है। निजी स्कूलों ने पहले से ही अत्यधिक फीस वृद्धि कर रखी है। निजी स्कूल शिक्षा के व्यापारीकरण के केंद्र बिंदु बने हुए हैं।

प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष और प्रवक्ता अभिमन्यु ने कहा कि सीबीएसई और आईसीएसई बोर्ड की किताबों के कुछ निजी प्रकाशकों ने तो 10 फीसदी तक दाम बढ़ा दिए हैं। कॉपियों की कीमतें भी 15 से 25 फीसदी तक बढ़ी हैं। अभिमन्यु ने कहा कि कुछ ने रेट नहीं बढ़ाए तो पन्ने कम कर दिए और कुछ ने पन्ने बढ़ाए तो रेट भी बढ़ा दिए। अभिमन्यु गुप्ता ने कहा कि दुकानदार भी एमआरपी पर छूट देने से साफ इनकार कर दे रहे हैं। यह हाल तब है जबकि मिलों ने कागज के दाम नहीं बढ़ाए हैं।

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