
CM Bhagwant Mann : पंजाब की धरती एक ऐतिहासिक पल की साक्षी बनने को तैयार है. ‘हिंद की चादर’ श्री गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी पर्व को मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की अगुवाई में पंजाब सरकार अभूतपूर्व स्तर पर मना रही है. यह आयोजन 19 से 25 नवंबर 2025 तक श्री आनंदपुर साहिब में होगा, जिसमें 1 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के शामिल होने की उम्मीद है. यह केवल एक धार्मिक समारोह नहीं, बल्कि सिख इतिहास, एकता, बलिदान और मानवता का वैश्विक संदेश देने वाला अभियान है, जो देश-विदेश के सिखों और पंजाबियों को एक सूत्र में जोड़ रहा है.
वैश्विक स्तर पर सिख एकता का प्रतीक
यह आयोजन पंजाब तक सीमित नहीं है; यह विश्व भर के सिख समुदाय को एकजुट करने का एक अभियान बन चुका है. अमेरिका, कनाडा, यूके, ऑस्ट्रेलिया, दुबई और मलेशिया से हजारों एनआरआई संगत इस समारोह का हिस्सा बनने को तैयार हैं. कनाडा, ब्रिटेन और अमेरिका की प्रमुख गुरुद्वारा कमेटियों ने इसे ‘ग्लोबल सिख यूनिटी मूवमेंट’ की संज्ञा दी है. यह आयोजन पंजाब की सांस्कृतिक और धार्मिक शक्ति का वैश्विक प्रदर्शन है, जो श्रद्धा और आधुनिकता का अनूठा संगम प्रस्तुत करता है.
मशाल-ए-शहादत यात्रा: एक ऐतिहासिक शुरुआत
मुख्यमंत्री भगवंत मान 19 नवंबर 2025 को श्रीनगर से शुरू होने वाली चार दिवसीय मशाल-ए-शहादत यात्रा की अगुवाई करेंगे. इसके साथ ही माझा, दोआबा और मालवा क्षेत्रों से गुरु नगरी श्री आनंदपुर साहिब तक ऐतिहासिक यात्राएं निकाली जाएंगी. इन यात्राओं में पंज प्यारे, पंज निशान, कीर्तन जत्थे, गतका प्रदर्शन, कश्मीरी प्रतिनिधि और गुरु साहिब की जीवनी पर आधारित पुस्तक प्रदर्शनी शामिल होंगी. यह यात्रा गुरु तेग बहादुर जी की विरासत को नई पीढ़ी तक पहुंचाने का एक जीवंत माध्यम बनेगी.
तीन दिवसीय समागम: श्रद्धा और संस्कृति का संगम
23 नवंबर से शुरू होने वाले तीन दिवसीय मुख्य समागम में हर दिन विशेष आयोजन होंगे. श्री अखंड पाठ साहिब की शुरुआत, डिजिटल प्रदर्शनी, सर्वधर्म सम्मेलन, हेरिटेज वॉक, कविशरी-ढ़ाढ़ी दरबार, लाइट एंड साउंड शो, ड्रोन शो, पौधारोपण, रक्तदान शिविर और सरबत दा भला एकजुटता समारोह जैसे कार्यक्रम इस आयोजन को यादगार बनाएंगे. ये आयोजन न केवल धार्मिक महत्व रखते हैं, बल्कि सामाजिक एकता और पर्यावरण संरक्षण जैसे आधुनिक मूल्यों को भी बढ़ावा देते हैं.
अंतरराष्ट्रीय स्तर की व्यवस्थाएं
पंजाब सरकार ने इस आयोजन को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भव्य और गरिमामय बनाने के लिए व्यापक तैयारियां की हैं. एनआरआई संगत के लिए विशेष टेंट सिटी, अनुवाद सेवाएं, ई-रिक्शा व्यवस्था और विरासत स्थलों तक गाइडेड टूर की सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं. ये व्यवस्थाएं दर्शाती हैं कि मान सरकार ने इस आयोजन को केवल स्थानीय स्तर तक सीमित नहीं रखा, बल्कि इसे वैश्विक मंच पर सिख संस्कृति के प्रदर्शन का माध्यम बनाया है.
पंजाब मॉडल: आस्था और आधुनिकता का मेल
यह आयोजन पंजाब सरकार की उस नीति का प्रतीक है, जो इतिहास, संस्कृति और धार्मिक आस्था को आधुनिक दृष्टिकोण से जोड़ती है. मुख्यमंत्री भगवंत मान की सरकार ने यह साबित किया है कि सच्ची श्रद्धा और सेवा-भाव से सत्ता का उपयोग कैसे किया जाता है. यह समारोह केवल धार्मिक आयोजन नहीं, बल्कि पंजाब की सांस्कृतिक और सामाजिक शक्ति का प्रदर्शन है, जो ‘पंजाब मॉडल’ को स्वास्थ्य, शिक्षा और अब धार्मिक-सांस्कृतिक नेतृत्व में देशभर के लिए एक मिसाल बनाता है.
राजनीतिक और सामाजिक संदेश
यह आयोजन राजनीतिक रूप से भी महत्वपूर्ण है. यह दर्शाता है कि पंजाब में आज एक ऐसी सरकार है जो वादों से आगे बढ़कर काम करती है. कानून-व्यवस्था के साथ-साथ आस्था, संस्कृति, इतिहास और जनभावनाओं को प्राथमिकता देने वाली यह सरकार सिख कौम और मानवता के लिए प्रेरणा बन रही है. हालांकि, शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) ने सरकारी आयोजनों को धार्मिक मामलों में हस्तक्षेप बताकर आपत्ति जताई है, लेकिन सरकार का कहना है कि यह आयोजन गुरु साहिब की विरासत को सम्मान देने और नई पीढ़ी तक पहुंचाने का प्रयास है.
सिख एकता का संदेश
गुरु तेग बहादुर जी का 350वां शहीदी पर्व न केवल पंजाब, बल्कि पूरी सिख कौम और मानवता के लिए एक प्रेरणादायक अवसर है. यह आयोजन पंजाब की आत्मा, संस्कृति और इतिहास को श्रद्धांजलि है, जो आधुनिकता और तकनीक के साथ मिलकर विश्व मंच पर सिख एकता का संदेश देता है. भगवंत मान सरकार की यह पहल पंजाब को धार्मिक और सांस्कृतिक नेतृत्व में अग्रणी बनाती है, और यह दर्शाती है कि सच्ची श्रद्धा और कर्मठता से इतिहास को जीवंत किया जा सकता है.
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