लक्ष्मी को घर बुलाना है तो नेताओं को झाड़ू से भगाइए-प्रशांत किशोर

Prashant Kishor
Prashant Kishor: जनसुराज अभियान के सूत्रधार और मशहूर राजनीतिक रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने बिहार की राजनीति पर एक रोचक बयान दिया है। उन्होंने बिहार की जनता से कहा, आपको अपने जीवन से कंगाली खत्म कर यदि लक्ष्मी को अपने घर बुलाना है तो इस दिवाली नेताओं को झाड़ू से खदेड़कर भगा दो। प्रशांत के इस बयान का राजनीतिक गलियारों में अलग-अलग मतलब निकाला जा रहा है।
Prashant Kishor: ‘नेताओं का चेहरा नहीं, बच्चों का चेहरा देखकर करें वोट’
उन्होंने कहा कि जीवन से कंगाली खत्म करने के लिए यह काम करना ही पड़ेगा। तभी बिहार सुधरेगा और आपके बच्चों का जीवन बदलेगा। वह बोले जनता के पास वोट की ताकत है लेकिन जाति-धर्म के नाम पर उसका हनन किया जा रहा है। नतीजा ये कि बिहार के लोग दूसरे राज्यों में मजदूरी करने जाने को बेबस हैं। उन्होंने पूछा क्या बिहार में कोई 10-12 हजार में नौकरी करने आता है। वह बोले, नेता का नहीं बच्चों का चेहरा देखकर वोट दीजिए। अपने वोट की कीमत युवाओं को रोजगार और बच्चों की पढ़ाई से जोड़िए।
‘…नहीं तो मजदूरी करके और हाथ फैलाकर काटना होगा जीवन’
दिवाली का उदाहरण देकर बोले लक्ष्मी को बुलाने के लिए सबसे पहले झाड़ू मारकर सफाई की जाती है। इसलिए ऐसे सभी नेताओं को झाड़ू से बाहर भगाइए जो जाति या धर्म के नाम पर आपको कंगाल बना रहे हैं। वह बोले नेता किसी धर्म या जाति का हो। जो जाति के नाम पर वोट मांगे उसके साथ वैसा ही व्यवहार करो। ऐसा नहीं किया तो मजदूरी करके या हाथ फैलाकर ही जीवन काटना पड़ेगा।
Prashant Kishor: ‘जन सुराज ऐसी व्यवस्था बनाने को प्रयासरत’
वह बोले जन सुराज ऐसी व्यवस्था बनाने को प्रयासरत है। इससे बिहार के बेरोजगारों को बिहार में ही काम मिलेगा। उन्होंने कहा नाली या गली बने या न बने लेकिन जब अस्पताल और स्कूल सुधरेंगे तो बच्चों का भविष्य सुधरेगा।
Prashant Kishor: ‘अन्य प्रदेशों के नेताओं ने की व्यवस्था’
वह बोले भले ही अन्य राज्यों के नेता चोरी कर रहे हों लेकिन उन्होंने अपने यहां ऐसी व्यवस्था कर दी है कि 12-15 हजार के रोजगार के लिए कोई अपना प्रदेश नहीं छोड़ता। यह व्यवस्था अन्य राज्यों में हो सकती है तो बिहार में क्यों नहीं। यहां जाति और धर्म के नाम पर वोट लेने के बाद नेता लोगों को भूल जाते हैं। इनको झाड़ू से भगाने की आवश्यकता है।
Prashant Kishor: प्रशांत के बयान से राजनीतिक गलियारों में कयास
भले ही प्रशांत किशोर ने झाड़ू से सफाई की बात दीवाली के संदर्भ में कही हो लेकिन उनके इस बयान से राजनीतिक गलियारों में कयास लगना शुरू हो गए हैं। लोगों का कहना है कि कहीं ऐसा तो नहीं कि प्रशांत झाड़ू की आड़ में आप पार्टी की ओर इशारा कर रहे हैं। दरअसल आप पार्टी का चुनाव चिह्न भी झाड़ू है। फिलहाल प्रशांत के इस बयान का क्या मंतव्य है यह तो प्रशांत किशोर ही बेहतर बता सकते हैं।
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