
नेपाल: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने (PM Modi Nepal Visit) लुंबिनी में बुद्ध जयंती कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इस दौरान उनके साथ नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा मौजूद रहे। लुंबिनी में बुद्ध जयंती कार्यक्रम में नेपाल के प्रधानमंत्री शेर बहादुर देउबा ने अपने संबोधन में कहा पिछले दो सालों में कोरोना काल ने हमें बुद्ध जयंती के जश्न को मनाने के लिए हमें सीमित कर दिया था। ये हमारे लिए खुशी का पल है जब हम बुद्ध के 2566वें जयंती का बड़े स्तर पर आयोजन कर रहे हैं।
नेपाल के बिना हमारे राम भी अधूरे
PM मोदी (PM Modi Nepal Visit) ने कहा कि कुछ देर पहले मुझे मायादेवी मंदिर में दर्शन का जो अवसर मुझे मिला, वो मेरे लिए अविस्मरणीय है। वो जगह जहां स्वयं भगवान बुद्ध ने जन्म लिया हो, वहां की ऊर्जा और चेतना ये एक अलग ही अहसास है। नेपाल यानी दुनिया के सबसे ऊंचे पर्वत सागर माथा का देश, नेपाल यानी दुनिया के अनेक पवित्र मंदिरों का देश, नेपाल यानी दुनिया की प्राचीन सभ्यता और संस्कृति को सहज कर रखने वाला देश। जनकपुर में मैंने कहा था कि नेपाल के बिना हमारे राम भी अधूरे हैं। मुझे पता है कि आज जब भारत में भगवान श्रीराम का भव्य मंदिर बन रहा है, तो नेपाल के लोग भी उतने ही खुश हैं।
नेपाल यानि दुनिया के सबसे ऊंचे पर्वत सागरमाथा का देश
साथ ही पीएम मोदी बोले वैशाख पूर्णिमा का दिन लुम्बिनी में सिद्धार्थ के रूप में बुद्ध का जन्म हुआ। इसी दिन बोधगया में वो बोध प्राप्त करके भगवान बुद्ध बने और इसी दिन कुशीनगर में उनका महापरिनिर्वाण हुआ। एक ही तिथि, एक ही वैशाख पूर्णिमा पर भगवान बुद्ध की जीवन यात्रा के ये पड़ाव केवल संयोग मात्र नहीं था। जिस स्थान पर मेरा जन्म हुआ, गुजरात का वडनगर, वो सदियों पहले बौद्ध शिक्षा का बहुत बड़ा केंद्र था। आज भी वहां प्राचीन अवशेष निकल रहे हैं जिनके संरक्षण का काम जारी है। नेपाल में लुम्बिनी म्यूज़ियम का निर्माण भी दोनों देशों के साझा सहयोग का उदाहरण है और आज हमने लुम्बिनी बौद्ध विश्वविद्यालय में डॉ अम्बेडकर चेयर ऑफ बुद्धिस्ट स्टडीज स्थापित करने का भी निर्णय लिया।
Read Also:- नेपाल: क्यों बुद्ध पूर्णिमा पर नेपाल गए PM नरेंद्र मोदी