Uttar Pradesh

पद्मविभूषण पंडित छन्नूलाल मिश्र का निधन, 89 वर्ष की उम्र में ली अंतिम सांस

फटाफट पढ़ें

  • पंडित छन्नूलाल मिश्र का 89 साल की उम्र में निधन
  • सेप्टीसीमिया के चलते मिर्जापुर में ली अंतिम सांस
  • पद्म विभूषण समेत कई पुरस्कारों से सम्मानित
  • ठुमरी-भजन से शास्त्रीय संगीत को लोकप्रिय बनाया
  • उनका अंतिम संस्कार वाराणसी में किया जाएगा

Chhannu Lal Mishra Passes Away : वाराणसी संगीत की शान, प्रसिद्ध शास्त्रीय गायक पंडित छन्नूलाल मिश्र अब हमारे बीच नहीं रहे. 89 वर्ष की आयु में उन्होंने दुनिया को अलविदा कह दिया. लंबी बीमारी से जूझते हुए पंडित छन्नूलाल मिश्र का मिर्जापुर में गुरुवार, 2 अक्टूबर की सुबह 4.17 पर निधन हो गया. वे सेप्टीसीमिया नामक बीमारी से पीड़ित थे और उन्हें लगभग तीन सप्ताह पहले स्वास्थ्य संबंधी गंभीर समस्या का सामना करना पड़ा था.

बताया जा रहा है कि पंडित छन्नूलाल मिश्र को पहले वाराणसी के बीएचयू अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जांच में डॉक्टर्स ने उनके सीने में संक्रमण और खून की कमी पाई. वहां उनका लगभग तीन हफ्ते तक इलाज चला, जिसके बाद उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई. इसके बाद उनकी बेटी नम्रता मिश्रा उन्हें ओझलापुल स्थित रामकृष्ण सेवा मिशन चिकित्सालय ले आईं.

शास्त्रीय संगीत को जन-जन तक पहुंचाया

बता दें कि पंडित छन्नूलाल मिश्रा का जन्म 3 अगस्त 1936 को उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले में हुआ था, उन्होंने वाराणसी को अपनी कर्मभूमि बनाया. छन्नूलाल मिश्रा को साल 2020 में पद्म विभूषण, साल 2010 में पद्मभूषण साल 2000 में संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. इसके अलावा, साल 2010 में उन्हें उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा यश भारती पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था.

जब साल 2014 के लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पहली बार वाराणसी सीट से चुनाव लड़ने का फैसला लिया, तब छन्नूलाल मिश्र उनके प्रस्तावक बने थे.

अंतिम संस्कार वाराणसी में किया जाएगा

पंडित छन्नूलाल मिश्र ऑल इंडिया रेडियो और दूरदर्शन के शीर्ष श्रेणी के कलाकारों में शुमार रहे हैं. वे भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय (उत्तर-केंद्रीय क्षेत्र) के सदस्य भी रह चुके हैं. पारिवारिक सूत्रों के अनुसार, पंडित छन्नूलाल मिश्र का अंतिम संस्कार वाराणसी में किया जाएगा.

पद्म विभूषण से सम्मानित पंडित छन्नूलाल मिश्र एक ऐसे दिग्गज कलाकार रहे जिन्होंने ठुमरी, दादरा, चैती और भजन गायन से हमारे देश को समृद्ध किया. छन्नूलाल मिश्र ने अपनी अद्वितीय शैली से शास्त्रीय संगीत को आमजन तक पहुंचाया. उनके निधन से संगीत जगत में गहरा शोक है.

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