
Nishikant Dubey on Gandhi family : निशिकांत दुबे ने बुधवार को गांधी परिवार पर हमला बोला है. उन्होंने पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन के द्वारा राजीव गांधी को लिखे गए पत्र का जिक्र किया. निशिकांत दुबे ने सोशल मीडिया के जरिए सवाल पूछा है. उन्होंने लिखा कि गांधी होना आसान नहीं. यह पत्र अमेरिकी राष्ट्रपति रोनाल्ड रीगन का तत्कालीन पूर्व भारतीय प्रधानमंत्री राजीव गांधी के की ओर से लिखे पत्र के उत्तर में है.
निशिकांत दुबे ने कहा कि 1972 के शिमला समझौते के तहत जब यह तय हो गया कि भारत-पाकिस्तान के बीच किसी विवाद पर बातचीत केवल दोनों देशों के बीच होगी, कोई मध्यस्थ नहीं होगा, तो भारतीय तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी ने अमेरिकी राष्ट्रपति रीगन से पाकिस्तान से बातचीत के लिए मदद क्यों मांगी?
निशिकांत दुबे का आरोप
इस पत्र में है कि मैं (रोनाल्ड रीगन) 7 जनवरी के आपके पत्र में दिए गए प्रस्ताव में विशेष रूप से रुचि रखता था कि अमेरिकी ड्रग संपर्क एजेंटों को आपके द्विपक्षीय नारकोटिक्स परामर्शों से जोड़ा जाए. मुझे पता है कि नारकोटिक्स की बुराई से लड़ना आपके लिए भी उतनी ही प्राथमिकता है, जितनी कि मेरे लिए और मैं आपको आश्वासन देता हूं कि आप और पाकिस्तान सरकार जिस भी तरीके से मदद चाहें, हमें आपकी मदद करने में खुशी होगी.
निशिकांत दुबे ने कहा कि हमारा उद्देश्य दखलंदाजी करना नहीं है, बल्कि संबंधों को बेहतर बनाने और क्षेत्रीय स्थिरता बढ़ाने के तरीकों पर जोर देना है. हालांकि, इस चिट्ठी में कहा गया है कि राजीव गांधी ने मादक पदार्थों पर नियंत्रण के लिए भारत-पाकिस्तान द्विपक्षीय परामर्श में अमेरिकी ड्रग संपर्क एजेंटों को शामिल करने का प्रस्ताव दिया था.
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