
MP Fertilizer Crisis : मध्यप्रदेश में खरीफ सीजन के बीच उभरे खाद संकट ने अब तूल पकड़ लिया है. रीवा और सतना सहित कई जिलों में किसानों की बढ़ती परेशानियों ने जहां सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े किए हैं, वहीं अब इस मुद्दे पर सत्तारूढ़ भाजपा और कांग्रेस के बीच बयानबाज़ी भी तेज हो गई है.
खाद की किल्लत से त्रस्त किसान कई जिलों में लंबी-लंबी लाइनों में खड़े नजर आए. रीवा में स्थिति इतनी बिगड़ गई कि पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा, जिसके वीडियो वायरल होने के बाद मामला राजनीतिक गर्मी में तब्दील हो गया. सतना से भाजपा सांसद गणेश सिंह ने हालात को देखते हुए राज्य सरकार को पत्र लिखकर खाद वितरण व्यवस्था में पारदर्शिता की मांग की. उनके इस कदम ने खुद उनकी पार्टी के भीतर ही नई बहस को जन्म दे दिया.

सांसद का आरोप, सिर्फ चुनिंदा किसानों को मिल रहा लाभ
अपने पत्र में सांसद सिंह ने खाद वितरण व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए कहा कि डबल लॉक सिस्टम में केवल सहकारी समितियों के सदस्य ही खाद ले पा रहे हैं, जबकि सीमांत और छोटे किसान उपेक्षित हो रहे हैं. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि निजी विक्रेताओं के पास खाद ऊंचे दामों पर बेचा जा रहा है, जिससे किसान मजबूरी में महंगा खाद खरीदने को विवश हैं. सांसद ने जिला प्रशासन से इस व्यवस्था में तत्काल सुधार की मांग की है और भरोसा जताया कि वे और उनकी पार्टी इस समस्या के समाधान में हरसंभव सहयोग देने को तैयार हैं.
कांग्रेस का हमला, सरकार खुद मान रही है विफलता
सांसद के इस पत्र के सामने आते ही कांग्रेस ने मौके को भुनाने में देर नहीं लगाई. प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी ने सोशल मीडिया पर सांसद का पत्र साझा करते हुए सरकार पर तीखा हमला बोला. उन्होंने लिखा कि जब भाजपा का विधायक और सांसद खुद सरकार की नाकामी स्वीकार कर रहे हैं, तो फिर विपक्ष पर सवाल क्यों उठते हैं? पटवारी ने मुख्यमंत्री मोहन यादव और केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान को टैग करते हुए पूछा कि आखिर किसानों को राहत कब मिलेगी?

सांसद का पलटवार, पटवारी की पोस्ट निराधार और भ्रामक
कांग्रेस के आरोपों के जवाब में सांसद गणेश सिंह ने जीतू पटवारी पर तीखा पलटवार किया. उन्होंने स्पष्ट किया कि उनका पत्र राजनीतिक आलोचना के लिए नहीं, बल्कि किसानों की मदद के उद्देश्य से लिखा गया था. उन्होंने पटवारी की पोस्ट को राजनीतिकषड्यंत्र और झूठे आरोपों से भरा बताया और कहा कि प्रदेश सरकार किसानों और समाज के हर वर्ग के हित में कार्य कर रही है. सिंह ने यह भी कहा कि कांग्रेस को प्रदेश की प्रगति देखकर बेचैनी हो रही है, इसलिए वह ऐसी हरकतों पर उतर आई है.
खाद संकट ने जहां किसानों की चिंता बढ़ाई है, वहीं यह मसला अब सियासी संघर्ष का केंद्र बन गया है. देखना यह होगा कि सरकार इस स्थिति से कैसे निपटती है और विपक्ष इस मुद्दे को और किस तरह से भुनाने की कोशिश करता है.
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