नीलकंठ महादेव के मंदिर को तोड़कर बनाई गई मस्जिद? मचा धार्मिक घमासान

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धर्म को लेकर देश में आए दिन कोई ना कोई विवाद छिड़ा ही रहता है। आपको बता एक बार फिर धर्म से जुड़ा एक और मामला सामने आया है। मिली जानकारी के हिसाब से बनारस के ज्ञानवापी मस्जिद के बाद अब उत्तर प्रदेश के बदांयू में भी इसी से मिलता जुलता मामला सामने आया है। यहां जामा मस्जिद को लेकर अदालत में दावा किया गया है कि नीलकंठ महादेव के एक पुराने मंदिर को गिराकर यहां जामा मस्जिद बनाई गई है। जैसे ही ये ख़बर मीडिया में सामने आई अदालत भी हरकत में आ गई।  बता दें कि अदालत ने मस्जिद इंतेजामिया कमेटी, सुन्नी वक्फ बोर्ड समेत कईयों से इस मामले में उनका जवाब मांगा है।

अदालत में दाखिल की गई अर्ज़ी में कहा गया है कि,”यहां हकीकत में हिंदू राजा का किला था और जो इस समय मस्जिद है इसको नीलकंठ महादेव के एक पुराने मंदिर को गिराकर बनाई गई है। इसी कड़ी में ये भी जान लीजिए कि आखिर इस मस्जिद की क्या है खासियातें

एक नजर मस्जिद की ओर

मिली जानकारी के अनुसार यहां एक साथ 23 हजार लोग नमाज अदा कर सकते हैं। यह हिंदुस्तान की सबसे बड़ी मस्जिद के रूप में देखी जाती है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक इस मस्जिद का निर्माण शमसुद्दीन इल्तुतमिश ने कराया था। यह मस्जिद फारसी-अफगान वास्तुकला को प्रस्तुत करती है। बदायूं की इस जामा मस्जिद में तीन दरवाज़े हैं। जानकारी के लिए बता दें कि बदायूं जामा मस्जिद का मेन दरवाजा तकरीबन 100 फीट लंबा बताया जाता है।

यह मस्जिद बदायूं के सोथा मोहल्ला में बनी हुई है। जानकारों की माने तो बदायूं की इस मस्जिद को दिल्ली की जामा मस्जिद के बाद देश की तीसरी सबसे पुरानी और सातवीं सबसे बड़ी मस्जिद कहा जाता है।