पैसे के अभाव में बैटिंग छोड़कर बॉलिंग चुनी, क्रिकेट जगत में बनाई अपनी अलग पहचान, जानें कौन

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भारतीय तेज गेंदबाज मुकेश कुमार ने पैसे के अभाव में बैटिंग छोड़कर बॉलिंग चुनी थी। मुकेश के पिता कोलकाता में टैक्सी चलाते थे। परिवार का गुजारा बमुश्किल हो पाता था। मुकेश ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ पहले T-20 मैच में हीरो रहे थे।

उन्होंने अंतिम ओवर में टिम डेविड और मार्कस स्टोइनिस जैसे धुरंधर कंगारू बल्लेबाजों को सिर्फ 5 रन दिए थे। इस परफॉर्मेंस के बाद से हर तरफ मुकेश कुमार की चर्चा है। मुकेश कुमार बिहार के गोपालगंज जिले के रहने वाले हैं।

बिहार में क्रिकेट की स्थिति बेहतर ना होने की वजह से मुकेश घरेलू क्रिकेट बंगाल से खेलते हैं। उन्होंने 30 साल की उम्र में इंटरनेशनल क्रिकेट में डेब्यू किया था। मुकेश कुमार दाएं हाथ के तेज गेंदबाज हैं। घर की माली हालत ठीक नहीं थी, लेकिन फिर भी मुकेश कुमार ने हिम्मत नहीं हारी। वह मेहनत करते रहे।

घरेलू क्रिकेट में बेहतरीन प्रदर्शन के बाद मुकेश को भारत के लिए खेलने का मौका मिला। मुकेश कुमार ने बताया कि वह एक बल्लेबाज बनना चाहते थे, लेकिन पैसों की कमी के कारण गेंदबाजी करने लगे। एक चैनल पर बात करते हुए तेज गेंदबाज मुकेश कुमार ने कहा, उनके पास इतने पैसे नहीं थे कि वह क्रिकेट की पूरी किट खरीद सकें।

उन्होंने बताया वह पहले अच्छी बल्लेबाजी करते थे, लेकिन पैसे की कमी के कारण गेंदबाजी पर फोकस कर लिया। मुकेश कुमार ने कहा मैं किसी भी कीमत पर भारत के लिए खेलना चाहता था। इस बात से फर्क नहीं पड़ता कि मैं बल्लेबाज हूं या गेंदबाज। मुझे किसी भी भूमिका में भारतीय टीम का हिस्सा बनना था। मैं भारत के लिए वर्ल्ड कप जीतना चाहता हूं।