
Kapurthala Child Welfare : पंजाब सरकार ने अनाथालय में रह रहे बच्चों की सुरक्षा और उनके अधिकारों की रक्षा सुनिश्चित करने के लिए के लिए नई पहल की है। कपूरथला जिले में अनाथ, बेसहारा तथा दिव्यांग बच्चों की देखभाल करने वाले सभी चिल्ड्रन होम्स के लिए अब Juvenile Justice (Care and Protection of Children) Act, 2015 (संशोधन 2021) के तहत पंजीकरण करवाना अनिवार्य कर दिया गया है।
अवैध संचालन पर सख्त कार्रवाई
जिला बाल सुरक्षा अधिकारी अजय भारती ने बताया कि 0 से 18 वर्ष तक के बच्चों की देखभाल करने वाले सभी बाल घरों को इस संशोधित कानून की धारा 41(1) के तहत पंजीकरण कराना जरूरी है। अजय भारती ने चेतावनी दी कि यदि कोई बाल घर अभी तक पंजीकृत नहीं है, तो उसके संचालक के खिलाफ धारा 42 के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी। इस धारा के तहत संचालक को एक वर्ष की कैद, एक लाख रुपए तक का जुर्माना या दोनों का सामना करना पड़ सकता है।
गैर-सरकारी संस्थाओं के लिए निर्देश
जिला बाल सुरक्षा अधिकारी ने बताया कि किसी भी गैर-सरकारी संस्था द्वारा बच्चों को रहने, भोजन और देखभाल की सुविधा उपलब्ध करवाई जा रही है, तो उसका पंजीकरण इस अधिनियम के तहत होना अनिवार्य है। यह पंजीकरण बच्चों के लिए सुरक्षित वातावरण सुनिश्चित करने और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए आवश्यक है।
पंजीकरण की अंतिम तिथि और प्रक्रिया
अजय भारती ने बताया कि जो संस्थाएं अभी तक पंजीकृत नहीं हैं, वे आवश्यक दस्तावेज 15 दिसंबर तक जिला प्रोग्राम ऑफिसर/जिला बाल सुरक्षा यूनिट कार्यालय, गांधी वनिता आश्रम, कपूरथला चौक में कार्यालय समय के दौरान जमा करवा सकती हैं। उन्होंने सभी संचालकों से अपील की कि वे समय रहते पंजीकरण करवा लें।
बच्चों के हित में प्रशासन की पहल
जिला प्रशासन ने यह कदम बच्चों के अधिकारों और उनकी भलाई को सुनिश्चित करने के उद्देश्य से उठाया है। पंजीकरण से न केवल बच्चों के लिए बेहतर सुविधाओं और देखभाल का प्रावधान होगा, बल्कि संचालकों को भी कानूनी मान्यता प्राप्त होगी। अधिकारी ने सभी संस्थाओं से सहयोग की अपील करते हुए कहा कि बच्चों की सुरक्षा और कल्याण के लिए यह बेहद आवश्यक है कि सभी होम्स समय पर पंजीकरण करवाएं।
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