जशपुर: छात्रावास में मूक-बधिर बच्चियों के साथ यौन उत्पीड़न पर सीएम का रूख सख़्त, कलेक्टरों को दिए कड़ी कार्यवाही के आदेश

छत्तीसगढ़। राज्य के जशपुर के छात्रावास में मूक-बधिर बच्चियों से हुई दरिंदगी और यौन उत्पीड़न के बाद छत्तीसगढ़ सरकार आरोपियों को सजा देने के मूड में आ गई है। राज्य के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने घटना की समीक्षा की और उसके बाद सख्ती दिखाते हुए सभी जिला कलेक्टरों और पुलिस अधीक्षकों को छात्रावासों के निरीक्षण और निगरानी के आदेश दे दिए हैं।
बाद में बच्चों का फीड बैक भी लेने जाएगी सरकार
उन्होंने आदेश दिए कि शासकीय छात्रावासों के निरीक्षण के लिए जिला शिक्षा अधिकारी, सहायक आयुक्त आदिवासी विकास सहित अन्य वरिष्ठ जिला स्तरीय अधिकारियों को तैनात किया जाए। इसके अलावा बच्चों से बातचीत कर छात्रावास के संचालन की गतिविधियों से संबंधित जानकारी लेने के निर्देश दिए, साथ ही ये भी कहा कि इसके बाद बच्चों का फीडबैक लेने के लिए सरकार को भेजा जाएगा। किसी भी प्रकार की लापरवाही या त्रुटि दिखने पर उनके खिलाफ एक्शन लिया जाएगा।
लापरवाही करने वालों पर निलंबन और एफआईआर जैसी कड़ी कार्यवाही के आदेश
मुख्यमंत्री ने आदेश देते हुए कहा कि ‘छात्रावास में निरीक्षण के दौरान यदि कोई भी अधिकारी-कर्मचारी लापरवाही करता दिखे या किसी भी प्रकार की अनैतिक गतिविधियों में लिप्त पाया जाए, तो उसके खिलाफ निलंबन और एफआईआर जैसी कड़ी कार्यवाही की जाए, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।‘
क्या है पूरा मामला ?
बता दें, 22 सितंबर की रात जशपुर के समर्थ दिव्यांग केंद्र में शराब के नशे में धुत केयर टेकर राजेश राम और चौकीदार नरेंद्र भगत ने मूक-बधिर बच्चों के साथ मारपीट और अश्लील हरकतें की थी। यही नहीं नशे की हालत में उन दोनों ने बच्चों के कपड़े भी फाड़ दिए थे। जान बचाने के लिए नग्न हालत में बच्चे पूरे कैंपस में भागते रहे। इसके अलावा चौकीदार पर 15 साल की एक बच्ची के साथ दुष्कर्म और 5 बच्चियों का यौन उत्पीड़न करने का भी आरोप है। केंद्र के संचालन की जिम्मेदारी खनिज न्यास मद के अंतर्गत राजीव गांधी शिक्षा मिशन पर है।
दोनों आरोपियों की गिरफ्तारी
मामले के सामने आने के बाद दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है। पुलिस आरोपियों से पूछताछ कर पूरी जानकारी हासिल करने में लगी है।