
दिल्ली: विश्व यूथ वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप के पहले ही दिन मैक्सिको (Youth World Championship) के लियोन में विजय प्रजापति और आकांक्षा व्यवहारे ने देश को दो रजत पदक दिलाए। विजय मध्य प्रदेश के शाजापुर जिले के रहने वाले है तो आकांक्षा महाराष्ट्र की। विजय महज 17 साल के है। विजय पहली बार अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट खेल रहे है। यह दोनों पदक प्रतियोगिता के शुरुआती दिन शनिवार को ही आए। बता दें कि आकांक्षा ने कुल 127 किग्रा (59 किग्रा + 68 किग्रा) का भार उठा लिया, जबकि विजय 175 किग्रा (78 किग्रा + 97 किग्रा) उठाने में कामयाब हो गए।
युवा विश्व चैम्पियनशिप में भारत का जलवा
मैक्सिको पहुंचते ही 17 साल के विजय (Youth World Championship) को पता लगा कि उनके पिता विक्रम सिंह भोपाल के एक अस्पताल में दाखिल हैं। इस बात की जानकारी उनके परिवार ने नहीं बल्कि उनके दोस्त ने दी थी। जिसके बाद विजय ने घर में फोन किया तभी पिता ने कहा यहां कि चिंता छोड़ दो जहां हो वहां सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करो।
पिता के पास वीजा इंटरव्यू के लिए दिल्ली आने के पैसे नहीं थे
विजय ने जानकारी देते हुए बताया घर के हालात (Youth World Championship) सही नहीं है। पिता ने 2 बहनों की शादी की जिसके बाद काफी कर्ज हो गया और पिता जी बीमार रहते है। मैंने सोचा था कि मैं पदक जीतकर पिता का इलाज कराएंगे। नाबालिग होने के कारण वीजा के इंटरव्यू के लिए उनके माता-पिता का साथ होना जरूरी था, लेकिन उनके माता-पिता के पास इतने पैसे नहीं थे कि वे शाजापुर से दिल्ली आ पाते।
माता-पिता के लिए आठ से 10 हजार रुपये किए इकट्ठे
विजय ने यह बात शाजापुर वेटलिफ्टिंग (Youth World Championship) के अध्यक्ष कुणाल को बताई। उन्होंने वहां उनके माता-पिता के लिए आठ से 10 हजार रुपये एकत्र किए और उन्हें दिल्ली भेजा। इंटरव्यू के बाद जब उनके पिता शाजापुर पहुंचे तो उन्हें सांस लेने में तकलीफ हुई। उनकी तबियत बिगडने पर उन्हें भोपाल ले जाया गया, जहां उन्हें अस्पताल में दाखिल कर लिया गया। लेकिन इस घटनाक्रम के बारे में विजय को नहीं बताया गया।
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