
हाइलाइट्स :-
- प्रियंका चतुर्वेदी ने भारत-पाक मैच रद्द करने की मांग की.
- आप ने सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर विरोध जताया.
- उद्धव ठाकरे ने मैच को देशभक्ति का मज़ाक बताया.
- विपक्ष ने सवाल उठाया – ऑपरेशन सिंदूर जारी है तो क्रिकेट क्यों.
- केंद्र सरकार ने बहुपक्षीय टूर्नामेंट में मैच की अनुमति दी.
Asia Cup Controvercy : भारत और पाकिस्तान के बीच 14 सितंबर को दुबई में होने जा रहे एशिया कप मैच को लेकर देश में सियासी बहस तेज हो गई है. विपक्षी दलों का कहना है कि जब तक पाकिस्तान आतंकवाद का समर्थन करता रहेगा, तब तक उससे किसी भी तरह के क्रिकेट संबंध उचित नहीं हैं. शिवसेना (उद्धव ठाकरे गुट), आम आदमी पार्टी और अन्य विपक्षी नेताओं ने इस मैच को रद्द करने की मांग की है.
शहीदों के परिजनों के सम्मान में मैच के बहिष्कार की अपील
शिवसेना (यूबीटी) की राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने अमेरिका से एक वीडियो संदेश जारी कर इस मैच का विरोध किया. उन्होंने कहा कि पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत भारत ने सख्त रुख अपनाया था और यह तय किया गया था कि पाकिस्तान के साथ न कोई बातचीत होगी, न व्यापार. फिर ऐसे में क्रिकेट मैच कैसे हो सकता है?
चतुर्वेदी ने बीसीसीआई अध्यक्ष को पत्र लिखकर आग्रह किया था कि यह मैच रद्द किया जाए. उनका आरोप है कि पाकिस्तानी खिलाड़ी सोशल मीडिया पर भारत और ऑपरेशन सिंदूर का मजाक बनाते हैं और आतंक का समर्थन करते हैं. उन्होंने सवाल किया कि जब प्रधानमंत्री ने खुद कहा है कि ऑपरेशन सिंदूर अभी जारी है, तो फिर इस मैच की इजाज़त किसने दी?
उन्होंने देशवासियों से अपील की कि वे शहीदों के परिजनों के सम्मान में पाकिस्तान के साथ होने वाले मैच का बहिष्कार करें. उन्होंने कहा कि जब तक पाकिस्तानी खिलाड़ी खुलेआम आतंकियों के समर्थन में बोलते रहेंगे, तब तक भारत को उनके साथ क्रिकेट नहीं खेलनी चाहिए.
AAP का भी विरोध, “देशभक्ति का मजाक बना रही है सरकार”
आम आदमी पार्टी ने भी इस मैच के आयोजन पर तीखी प्रतिक्रिया दी है. दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने कहा कि सरकार पहलगाम हमले में मारे गए शहीदों और उनके परिवारों का अपमान कर रही है. उन्होंने एक सोशल मीडिया पोस्ट का हवाला दिया जिसमें पाकिस्तान के सेना प्रमुख को भारतीय झंडे में रंगी महिला की मांग में सिंदूर भरते हुए दिखाया गया, जो भारत के ऑपरेशन सिंदूर का उपहास माना जा रहा है.
भारद्वाज ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “यह उन विधवाओं का अपमान है जिन्होंने अपने पति खो दिए और सरकार अब ऐसे देश के साथ क्रिकेट खेलने जा रही है जो हमारे सैनिकों की शहादत का मजाक बना रहा है.” उन्होंने यह भी कहा कि पार्टी उन सभी स्थानों को उजागर करेगी जहां यह मैच लाइव दिखाया जाएगा ताकि लोग उनका बहिष्कार करें.
ठाकरे ने बोला हमला, कहा ‘देशभक्ति अब पैसे का खेल’
शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे ने भी केंद्र सरकार पर जोरदार हमला बोला है. उन्होंने कहा कि जब प्रधानमंत्री खुद कहते हैं कि “खून और पानी साथ नहीं बह सकते”, तो फिर “खून और क्रिकेट” कैसे साथ चल सकते हैं?
उन्होंने आरोप लगाया कि अब देशभक्ति भी एक व्यापार बन चुकी है और पाकिस्तान के साथ होने वाला मैच सिर्फ पैसे के लिए खेला जा रहा है. ठाकरे ने ऐलान किया कि महाराष्ट्र में उनकी पार्टी विरोध प्रदर्शन करेगी और महिला कार्यकर्ता हर घर से सिंदूर एकत्र कर प्रधानमंत्री को भेजेंगी, ताकि उन्हें शहीदों की याद दिलाई जा सके.
ठाकरे ने यह भी याद दिलाया कि उनके पिता बाल ठाकरे ने कभी पाकिस्तानी क्रिकेटर जावेद मियांदाद से कहा था कि जब तक पाकिस्तान भारत के खिलाफ आतंक का समर्थन करता रहेगा, तब तक क्रिकेट नहीं हो सकती.
सरकार की स्थिति स्पष्ट: द्विपक्षीय नहीं, बहुपक्षीय मैच स्वीकार्य
इस बीच केंद्र सरकार ने साफ किया है कि भारत पाकिस्तान के साथ कोई द्विपक्षीय क्रिकेट श्रृंखला नहीं खेलेगा. लेकिन बहुराष्ट्रीय टूर्नामेंट जैसे एशिया कप और आईसीसी इवेंट्स में भारत की भागीदारी रहेगी, जिसमें विरोधी टीम पाकिस्तान भी हो सकती है.
भारत-पाक क्रिकेट मैच को लेकर यह विवाद सिर्फ खेल तक सीमित नहीं रहा. यह अब शहीदों की शहादत, देश की सुरक्षा नीति और राजनीतिक दलों की नैतिक ज़िम्मेदारियों का मुद्दा बन चुका है. विपक्ष का कहना है कि जब तक पाकिस्तान आतंक का साथ नहीं छोड़ता, तब तक उसके साथ किसी भी तरह की प्रतियोगिता उचित नहीं. वहीं सरकार अंतरराष्ट्रीय नियमों के तहत अपने फैसलों को सही ठहरा रही है.
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