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अगर इन तरीकों से भगाते हो मच्छर, तो हो जाएं सावधान

गर्मियों का मौसम शुरू हो गया है। गर्मी और बारिश के दिनों में मच्छर-मक्खी परेशान करते हैं। मच्छर घर के कोने कोने में छिपे रहते हैं। मच्छरों से मलेरिया, डेंगू, चिकुनगुनिया जैसी कई तरह की खतरनाक बीमारियां होती हैं।ऐसे में मच्छरों को घर से भगाने के लिए ज्यादातर लोग मच्छर भगाने वाली क्वॉइल, अगरबत्ती या इलेक्ट्रिक रीफिल मशीन का उपयोग करते हैं। इन उपायों से आपको कुछ समय के लिए तो मच्छरों से छुटकारा तो मिल जाता है, लेकिन इसके दुष्प्रभाव भी पड़ते हैं। एक शोध में पता चला है कि मच्छर भगाने वाली क्वॉइल या अगरबत्तियों का धुआं हमारे फेफड़ों को बहुत नुकसान पहुंचा सकता है। साथ ही यह कैंसर का कारण भी बन सकता है।

चेस्ट रिसर्च फाउंडेशन के शोध में पता चला है कि मच्छरों को भगाने वाली क्वॉइल में कैंसर पैदा करने वाले कई सारे गुण होते है। चीन और ताइवान में हुई एक स्टडी में भी यह बात सामने आई है की मच्छरों को भगाने वाली क्वॉइल के धुएं का सीधा कनेक्शन कैंसर जैसी जानलेवा बीमारी से है। शोध में पता चला है कि एक क्वॉइल का घर में जलाना 100 सिगरेट पीने के समान होता है। इससे निकलने वाली धुआं फेफड़ों को बहुत नुकसान पहुंचाती है।

कैंसर का खतरा

कई अध्ययन में वैज्ञानिकों ने पाया कि लगातार मॉस्किटो कॉइल के जलाने से घर का वातावरण प्रदूषित होता है। मॉस्किटो कॉइल के लगातार संपर्क में रहने के कारण फेफड़ों के कैंसर का जोखिम बढ़ जाता है।

नवजात के लिए जहर के समान

अगर घर में नवजात शिशु या कोई बच्चा है जिसकी उम्र 6 साल से कम है तो उसके आसपास मॉस्किटो कॉइल नहीं जलानी चाहिए। इससे निकलने वाला धुआं उनकी सेहत के लिए जहर के समान होता है और कई गंभीर बीमारियों का कारण है।

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