राजीव गांधी और अशोक गहलोत के नहीं लगाए जिंदाबाद के नारे तो लग जाएंगे सरकारी मुकदमा, जानें पूरी वजह

कहते हैं न की राजनीति में नारों का बड़ा महत्व होता है। आपको बता दें मिली जानकारी के हिसाब से मुख्यमंत्री के सलाहकार और दूदू से निर्दलीय विधायक बाबूलाल नागर ने अपने कार्यकर्ताओं को खुली आम धमकी दी है।
मंगलवार 13 सितंबर की दोपहर में राजीव गांधी ग्रामीण ओलंपिक खेलों के शुभारंभ करने के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के आने का कार्यक्रम था। मुख्यमंत्री के आने से पहले ही नागर ने समारोह में मौजूद लोगों को नारे लगाने से संबंधित ऐसा कुछ बोल डाला जिसे सामाजिक तौर पर धमकी माना जा रहा है।
विधायक बाबूलाल नागर यहीं नहीं रुके बल्कि चेतावनी भरे लहजे में कहा कि राजीव गांधी और अशोक गहलोत के अलावा किसी के नारे लगा दिए तो पुलिस उठा कर ले जाएगी और इसी के साथ मुकदमा भी दर्ज कर दिया जाएगा। नागर का यह धमकी भरा वीडियो सोशल मीडिया पर आग के धुएं की तरह वायरल नहीं हो रहा है।
मुख्यमंत्री के सलाहकार ने क्या दी धमकी?
मिली सूचना के मुताबिक मुख्यमंत्री अशोक गहलोत दोपहर 2:00 बजे दूदू पहुंचे थे। इससे पहले मुख्यमंत्री के सलाहकार और निर्दलीय विधायक बाबूलाल नागर ने लोगों को चेतावनी दे दी थी।
उन्होंने कहा कि “कोई किसी के नारे नहीं लगाएगा, सिर्फ दो नारे मैंने बताएं हैं, वही लगाने हैं ,राजीव गांधी अमर रहे और अशोक गहलोत जिंदाबाद तीसरा कोई नारा नहीं लगाना है अगर कोई तीसरा नारा लगाना है तो उठ कर जा सकता है।
फिर मुझे कोई दोष मत देना। बीच में कोई नागर का भी नारा नहीं लगाएगा। अगर किसी ने लगा दिया तो पुलिस वाले उठा ले जाएंगे, बंद कर देंगे, सरकारी मुकदमा भी लग जायेगा। केवल आपको ताली बजानी है, बस।”