पुलिस की गलती से कोर्ट नहीं पहुंच पा रहे ‘भगवान’, मांगी जा रही तारीख पर तारीख…

Idol Theft case
Idol Theft case: आपने कई बार सुना होगा कि पुलिस की गलती से या किसी और वजह से कई बार कोर्ट में साक्ष्य पेश नहीं हो पाते हैं लेकिन क्या हो अगर ‘भगवान’ को कोर्ट में पेश होना पड़े और पुलिस की लापरवाही के चलते वो कोर्ट में न पहुंच पाएं। ऐसा ही अजीबो-गरीब मामला गोपालगंज जिले के बरीरायभान ग्राम में सामने आया है। गोपालगंज में भगवान श्रीकृष्ण की मूर्ति की रिहाई पुलिस पेंच में फंस गयी है. संकट में फंसे थानेदार पर कार्रवाई की तलवार लटकी है. न्यायालय से तारीख पर तारीख मिलने के बाद भी पुलिस भगवान श्रीकृष्ण की मूर्ति को शनिवार को सीजेएम कोर्ट में पेश नहीं कर सकी.
कोर्ट ने काटा वेतन
सीजेएम मानवेंद्र मिश्रा की अदालत ने हथुआ के थानेदार द्वारा मूर्ति प्रस्तुत नहीं किये जाने और कोर्ट का समय बर्बाद किये जाने पर कड़ी नाराजगी जाहिर करते हुए वेतन से एक हजार रुपये की कटौती की है. साथ ही पांच मार्च को अगली सुनवाई की तिथि मुर्करर की है। चलिए अब तफ्सील से समझते हैं कि आखिर मामला क्या है।
मंदिर से चोरी हुई थीं मूर्तियां
दरअसल 13 फरवरी 2018 को बरीरायभान ग्राम में 1925 में स्थापित श्री राधा-कृष्ण गोपीनाथ मंदिर में अज्ञात चोरों द्वारा अष्टधातु की तीन मूर्ति चोरी कर ली गई थीं। इसके बाद हथुआ थाने में अज्ञात चोरों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराई गई। 23 नवंबर 2018 को तत्कालीन अनुसंधानकर्ता प्रशांत कुमार राय की ओर से सत्य सूत्रहीन बताते हुए अंतिम प्रपत्र संख्या समर्पित कर दी गई। 28 फरवरी 2019 को न्यायालय द्वारा अंतिम प्रपत्र स्वीकृत कर लिया गया। इसके बाद भी मामला यहीं खत्म नहीं हुआ।
तालाब की खुदाई में हुईं बरामद
मामला पुन तब उठा जब बरीरायभान गांव में ही तालाब में खुदाई के दौरान 13 जून 2023 को एक अष्टधातु की भगवान की मूर्ति बरामद हुई। इसे थाने के मालखाना में सुरक्षित रखा गया। कांड के सूचक ने मूर्ति की पहचान करते हुए उसे अपने मंदिर से चोरी होने वाले भगवान की मूर्ति का दावा किया। कोर्ट से पूजा-पाठ, भोग के लिए मूर्ति सौंपने की अपील की। कोर्ट ने अभियोजन पदाधिकारी हीरालाल गुप्ता को सुनने के बाद, इस संबंध में थाने से पूर्व की रिपोर्ट की मांग की गई। हथुआ थाना प्रभारी ने रिपोर्ट में श्री राधा-कृष्ण गोपीनाथ मंदिर के बदले राम-जानकी मंदिर की मूर्ति का उल्लेख कर दिया। बस मामला यहीं से पेचीदा हो गया।
मालखाने की चाबी न होने का पुलिस ने दिया हवाला
सुनवाई के दौरान न्यायालय ने 1 मार्च को भगवान की मूर्ति को पेश करने का आदेश दिया। गोपालगंज के मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी मानवेंद्र मिश्रा की अदालत में शुक्रवार यानि 1 मार्च को आनन-फानन में हथुआ के थानेदार पहुंचे और जज को बताया कि उनके थाने के मालखाना की चाबी किसी और पुलिस पदाधिकारी के पास है। इसलिए भगवान की मूर्ति नहीं ला सका। इसके बाद पुलिस ने न्यायालय में 24 घंटे की मोहलत मांगी। शनिवार यानि 2 मार्च को इसपर सुनवाई हुई। शनिवार दो मार्च को भी पुलिस ने मलखाना की चाबी न होने का हवाला देकर अगली तारीख मंगल वार यानि पांच तारीख की ली है।
क्या कहते है मंदिर के पुजारी….
इस मामले में मंदिर के पुजारी विपिन बिहारी ने बताया की यह मामला पेचीदा इस लिए बन गया कि पुलिस ने श्री राधा-कृष्ण गोपीनाथ मंदिर के बदले राम-जानकी मंदिर की मूर्ति का उल्लेख कर दिया था। इसके चलते भगवान को भी कोर्ट में हाजिर होना पड़ेगा। मंदिर के पुजारी ने कहा कि भगवान को आज मंदिर में रहना चाहिए लेकिन पुलिस की गलती से आज मलखाना में हैं। हम लोग कल भी सारे सबूत के साथ कोर्ट में पहुंचे थे आज भी आए हैं लेकिन पुलिस ने मालखाना की चाबी किसी दूसरे ऑफिसर के पास होने का हवाला देकर अगली तारीख 5 मार्च को ली है। हम लोगो को उम्मीद है की मंगलवार को भगवान हम लोगो को मिल जाएंगे।
रिपोर्टः धनंजय कुमार, संवाददाता, गोपालगंज, बिहार
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