
Ghaziabad News : 20 साल पुराने एक मुकदमे में इलाहाबाद हाईकोर्ट के रिटायर स्टनो सूर्यबली सिंह को गाजियाबाद कोर्ट ने बरी कर दिया है. इन पर और हाईकोर्ट के एक वकील मदनलाल राय पर आरोप था कि इन दोनों ने हाईकोर्ट के जज की सूचना पुलिस को देकर गाजियाबाद में सरकारी प्रोटोकॉल लिया था. इस केस में पुलिस 20 सालों में मुकदमे से जुड़े सबूत कोर्ट के सामने पेश नहीं कर पाई.
वरिष्ठ अधिवक्ता उमेश भारद्वाज ने बताया, साल-2004 में गाजियाबाद नगर कोतवाली इंस्पेक्टर ने मदनलाल राय और सूर्यबली सिंह के खिलाफ एक FIR दर्ज करवाई थी.
एफआईआर के अनुसार आरोप था कि दोनों व्यक्तियों ने गलत तरीके से सरकारी प्रोटोकॉल लिया. गाजियाबाद के शिप्रा होटल में दो दिन तक रूके. जबकि यह दोनों जज नहीं थे. कहा गया था कि दोनों ने सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग किया.
इस मामले में जांच के बाद पुलिस द्वारा दोनों के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट पेश की गई थी. इस दौरान मदन लाल राय हाईकोर्ट में वकील थे और सूर्यबली सिंह स्टेनो. मुकदमा ट्रायल के दौरान तकरीबन दस साल पहले मदनलाल की मृत्यु हो गई थी.
इस केस की आखिरी तारीख 5 जुलाई 2024 को थी. प्रितवादी पक्ष की ओर से इस केस की पैरवी वरिष्ठ वकील उमेश भारद्वाज ने की थी. गाजियाबाद न्यायालय के ACJM-6 पवन कुमार चौरसिया ने सबूतों के अभाव में सूर्यबली सिंह को बरी कर दिया।
वरिष्ठ अधिवक्ता उमेश भारद्वाज ने बताया कि इस केस में पुलिस सबूत पेश नहीं कर सकी. जिस होटल में दोनों के रुकने की बात थी, उस होटल की सीसीटीवी फुटेज नहीं थी. वहां के रजिस्टर में सूर्यबली सिंह के नाम की एंट्री भी नहीं थी. पुलिस को कोई गवाह भी नहीं मिला जो सूर्यबली सिंह की पहचान कर सके. इन सभी तथ्यों के आधार पर कोर्ट ने सूर्यबली सिंह(68) को बरी किया.
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