‘मुझे गोडसे की तरह कलंकित क्यों न कर दो फिर भी शस्त्र उठाऊंगी’, हरिद्वार के ‘धर्म-संसद’ में उन्मादी शपथ

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नई दिल्ली: ‘कॉपी-किताब छोड़ो शस्त्र उठाओ, मुस्लिम प्रधानमंत्री मत बनने देना, मुस्लिमों की आबादी मत बढ़ने देना’ ये कुछ बयान हैं जो बीते दिनों से सोशल मीडिया पर वायरल है। दरअसल ये बयान हरिद्वार में हुए धर्म संसद में दी गईं है। धर्म संसद के संचालकों और आयोजकों का कहना है कि संसद का उद्देश्य हिंदू राष्ट्र के लिए युवाओं को तैयार करना है। अगर इसके लिए शस्त्र भी उठाना पडें तो उठाएंगे।
कौन-कौन था शामिल ?
इस ‘संसद’ में हिंदू रक्षा सेना के प्रमुख स्वामी प्रबुधानंद, बीजेपी महिला मोर्चा नेता उदिता त्यागी, बीजेपी नेता अश्विनी उपाध्याय, जूना अखाड़ा, निरंजनी अखाड़ा के लोग शामिल थे।
इस धर्म संसद में एक और नाम शामिल था। नाम यति नरसिंहानंद। ये वही नरसिंहानंद हैं जिन्होंने बीते सप्ताह वसीम रिजवी का धर्म परिवर्तन करा उनका नाम जितेंद्र नारायण त्यागी कर दिया। यति नरसिंहानंद गाजियाबाद के डासना मंदिर में पीठाधीश हैं।
धर्म संसद 3 दिनों तक चला जिसमें कई हिंदू नेताओं ने हिंदू राष्ट्र बनाने की बात की। 17 से 19 दिसंबर तक चलने वाले इस संसद में लोगों को हिंदू राष्ट्र बनाने की शपथ दिलाई गई।
सोशल मीडिया पर इस धर्म संसद से जुड़ी एक वीडियों वायरल हो रहा है। इस वीडियों में भगवा कपड़े पहनी एक महिला कहती नज़र आती है कि जो भी राक्षस मेरे हिंदू धर्म पर खतरा बन आएगा फिर मैं कुछ भी नहीं सोचूंगी,भले ही मुझे गोडसे की तरह कलंकित क्यों न कर दो। मगर मैं शस्त्र उठाऊंगी और अपने सनातन धर्म को बचाऊंगी।
आगे भी होंगे ऐसे धर्म संसद
परशुराम अखाड़े के अध्यक्ष पंडित अधीर कौशिक ने बीबीसी को दिए इंटरव्यू में बताया कि अप्रैल-मई में मथुरा के वृंदावन में अगली धर्म संसद की तैयारी चल रही है।
दिल्ली में हिंदू युवा वाहिनी के बैनर तले दिलाए गए शपथ
दिल्ली में सुदर्शन न्यूज चैनल के मालिक सुरेश चव्हाणके ने भी एक आयोजन में हिंदू राष्ट्र बनाने की मांग की। दक्षिणी दिल्ली के बनारसीदास चांदीवाला आडिटोरियम में हिंदू युवा वाहिनी के बैनर तले 19 दिसंबर को सुरेश चव्हाणके ने हिंदू राष्ट्र बनाने की शपथ दिलाई।
उन्होंने कहा, ‘वचन देते हैं संकल्प लेते हैं अपने अंतिम प्राण के क्षण तक इस देश को हिन्दू राष्ट्र बनाने के लिए बनाए रखने के लिए, आगे बढ़ाने के लिए लड़ेंगे, मरेंगे, ज़रूरत पड़ी तो मारेंगे, किसी भी बलिदान के लिए किसी भी कीमत पर एक क्षण भी पीछे नहीं हटेंगे। हमारा यह संकल्प पूरा करने के लिए हमारे गुरुदेव हमारे कुल देवता, हमारे ग्राम देवता, भारत माता, हमारे पूर्वज हमको शक्ति दें, शक्ति दें, जय दें विजय दें, विजय दें, विजय दें, विजय दें। विजय दें। भारत माता की जय।” यदि किसी को बुरा लगे तो मैं अपने शब्द वापस नहीं लूंगा क्योंकि मैंने सुनाने के लिए ही बोला है’
हालांकि सुरेश चव्हाणके ने ट्वीटर के माध्यम से कहा है कि ‘ यह शपथ 26 अप्रैल 1645 को छत्रपति शिवाजी महाराज जी ने रायरेश्वर मंदिर में ली थी। तब से अब तक करोड़ों योद्धाओं ने ये दिलवाई, लाखों ने बलिदान दिया, मैं उन्हीं में से एक छोटा सा सैनिक हूँ ।”
इस ख़बर को लिखे जाने तक इन नफरती बयानों पर सरकार या पुलिस के तरफ से कोई एक्शन नहीं लिया गया। किसी भी पक्ष ने सामने आकर कोई बयान नहीं दिया है।