
film controversy : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जीवन पर आधारित फिल्म का मामला अब बॉम्बे हाईकोर्ट में पहुंच गया है. फिल्म के निर्माताओं का आरोप है कि सेंट्रल बोर्ड फिल्म को समय से सर्टिफिकेट नहीं दे रहा है.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के जीवन पर आधारित फिल्म “अजयः द अनटोल्ड स्टोरी ऑफ ए योगी” के निर्माताओं ने सेंसर बोर्ड द्वारा फिल्म को प्रमाणपत्र देने में हो रही देरी के संबध में बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दायर की है.
प्रमाणपत्र न मिलने से रिलीज पर संकट मंडरा रहा
दायर की गई याचिका में आरोप लगाया गया है कि केन्द्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (CBFC) फिल्म के सर्टिफिकेशन के आवेदन को लेकर मनमाना और विलंबपूर्ण रवैया अपना रहा है. फिल्म के निर्माता चाहते हैं कि इसे एक अगस्त 2025 को रिलीज किया जाए, लेकिन प्रमाणपत्र न मिलने से रिलीज पर संकट मंडरा रहा है.
फिल्म के प्रमाणन पर जल्द निर्णय ले
न्यायमूर्ति रेवती मोहिते डेरे और न्यायमूर्ति डॉ. नीला गोखले की पीठ ने सम्राट सिनेमैटिक इंडिया प्राइवेट लिमिटेड द्वारा दायर याचिका की सुनवाई करते हुए सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (CBFC) को नोटिस जारी किया है. इस याचिका में सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (CBFC) से यह अनुरोध किया गया है कि वह फिल्म के प्रमाणन पर जल्द निर्णय ले.
मुख्यमंत्री बनने तक के सफर को दिखाया गया
सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन (CBFC) ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री कार्यालय से अनापत्ति प्रमाणपत्र (NOC) प्राप्त करने की मांग की है, जिसे फिल्म के निर्माताओं ने आपत्तिजनक बताया है. यह फिल्म लेखक शांतनु गुप्ता की चर्चित पुस्तक ‘द मॉन्क हू बिकेम चीफ मिनिस्टर’ पर आधीरित बताई जा रही है, और इससे योगी आदित्यनाथ के जीवन के अनदेखे पहलुओं और संत से मुख्यमंत्री बनने तक के सफर को दिखाया गया है.
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