
आज पूरा देश स्वतंत्रता दिवस की 77 वीं वर्षगांठ धूमधाम के साथ मना रहा है। मगर बुंदेलखंड के महोबा में किसान इस आजादी के जश्न में भी अपनी मांगों को लेकर धरने पर बैठने के लिए मजबूर है। दरअसल आपको बता दें की महोबा सदर तहसील में 10 अगस्त से अन्नदाता पांच सूत्रीय मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन करने पर बैठे हैं, लेकिन 6 दिन होने पर भी मांगे नहीं मानी गई। ऐसे में आज स्वतंत्रता दिवस के दिन भी किसान अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे रहे। एक तरफ तहसील परिसर में एसडीएम सदर संजीव राय की मौजूदगी में अधिकारी आजादी का जश्न मनाते दिखाई दिए।ध्वजारोहण होने पर किसान भी उसमें शामिल हुए लेकिन फिर उसके बाद वापस उसी स्थान पर धरने पर बैठ गए। देशभक्ति गीतों के बीच जश्न का माहौल सदर तहसील प्रांगण में दिखाई दिया है तो उन्ही देशभक्ति गीतों के बीच किसान अपनी मांगों को लेकर धरना करता दिखाई दिया। किसान अपने घर से आटा, भाटा और चारपाई लेकर धरने पर बैठे हैं।
किसान प्रधानमंत्री फसल बीमा के अंतर्गत बीमित किसानों का 1 वर्ष से रुका क्लेम का भुगतान ब्याज सहित करने की मांग कर रहे हैं। साथ ही सरकार द्वारा न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदी गई फसलों का भुगतान न होने पर भी किसान नाराज हैं। बीते दिनों सरकारी केंद्र में किसानों की जगह बिचौलियों द्वारा भारी मात्रा में चना खरीदा गया उस मामले में कार्यवाही की मांग भी किसान कर रहे हैं। किसानों की पांच मांगे हैं जिसको लेकर किसान धरने पर हैं। धरने पर बैठे किसान बालाजी और आदि लोग बताते हैं कि आज महसूस हो रहा है कि देश तो आजाद हुआ है लेकिन किसान अभी भी गुलाम है और किसान की कोई भी सुनने वाला नहीं है। चाहे जिस की सरकार और जिस दल का नेता हो सबकी सोच किसान विरोधी है तभी हमें आजादी के दिन में भी धरने पर बैठने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। यदि उनकी मांगे पूरी हो गई होती तो वह भी आजादी का जश्न मना रहे।
किसान दिन-रात तहसील परिसर में रहने के लिए मजबूर हैं। खुले आसमान के नीचे किसानों का धरना आजादी की वर्षगांठ पर भी जारी है। उनका कहना है कि अधिकारियों और नेताओं की बेरुखी का ही परिणाम ही है जो उन्हें आज के दिन धरने पर रहना पड़ा।अनिश्चितकालीन धरना मांगे पूरी होने तक चलता रहेगा। किसान कहते हैं कि एक साल से बीमा क्लेम का आठ करोड़ रूपया रुका हुआ है। 1 वर्ष से सिर्फ अधिकारी कोरा आश्वासन दे रहे हैं। किसानों का कहना है कि जब तक पांचो मांगे पूरी नहीं होती तब तक यह धरना ऐसे ही चलता रहेगा। गांधीवादी तरीके से अनिश्चितकालीन धरना किसानों का चल रहा है जिसे हटाने के लिए प्रशासन के लोग धमका रहे हैं लेकिन हम किसी की धमकी से नहीं डरने वाले नहीं जब तक मांगे पूरी नहीं होती तब तक धरना भी जारी रहेगा।
स्वतंत्रता दिवस के मौके पर एसडीएम सदर संजीव राय सभी से एक पौधा लगाने की अपील करते देखे गए लेकिन साहब को कौन समझाए कि जो दिन रात मेहनत कर खेत में न केवल फसल उगाता है बल्कि पेड़ पौधों की देखभाल करता है वह किसान इस आजादी की जश्न में धरने पर बैठने के लिए मजबूर है। जब उनसे पूछा गया कि आपके इसी प्रांगण में आजादी के रंगारंग कार्यक्रम के साथ-साथ किसानों का धरना भी चल रहा है तो उन्होंने कहा कि किसानों की जो मांगे हैं वह पूरी हुई हैं बीमा क्लेम का ढाई करोड़ रुपया किसानों के खातों पर पहुंचा है और जो अन्य मांगे हैं उनको भी पूरा किया जाएगा।