संजय गांधी अस्पताल के लाइसेंस को बहाल करने की मांग, CMO दफ्तर में धरने पर बैठे पूर्व MLC दीपक सिंह

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संजय गांधी हॉस्पिटल के लाइसेंस बहाली की मांग को लेकर कांग्रेस के पूर्व एमएलसी दीपक सिंह अपने सैकड़ो समर्थकों के साथ सीएमओ ऑफिस में सत्याग्रह आंदोलन करते हुए पर बैठ गए हैं। धरने में मौजूद जिला अध्यक्ष पूर्व,जिला अध्यक्ष समेत बड़ी संख्या में कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता शामिल हैं। दीपक सिंह का कहना है कि जिस अस्पताल में सैकड़ो लोगों का रोज इलाज होता वो अस्प्ताल एक महिला की मौत के बाद राजनीति का शिकार हो गया। जल्दबाजी में अमेठी प्रशासन ने अस्पताल के लाइसेंस को निलबित कर दिया जो पूरी तरह से गलत है। अस्पताल का लाइसेंस बहाल नहीं हो जाता जब तब तक वह सीएमओ ऑफिस परिसर में अनिश्चितकाल के लिए धरने पर बैठे रहेंगे।

योगी सरकार से आर-पार के मूड में कांग्रेस

दरअसल बीते 15 सितम्बर को संजय गांधी अस्पताल में एनेस्थीसिया का ओवरडोज देने की वजह से एक महिला कोमा में चली गई थी, जिसके बाद उसकी मौत हो गई। महिला की मौत के बाद जिला प्रसाशन ने इलाज में लापरवाही बरतने के आरोप में अस्पताल के लाइसेंस को निलंबित कर दिया। गांधी परिवार द्वारा संचालित हो रहे हैं। संजय गांधी अस्पताल का लाइसेंस निलंबित होने के बाद कांग्रेस पूरी तरह से सड़क पर उतर आई। घटना के बाद कांग्रेस नेताओं ने प्रशासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन करते हुए राज्यपाल और मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन प्रसाशन को सौंपा और लाइसेंस को बहाल करने की मांग की लेकिन एक सप्ताह से अधिक का समय बीतने के बाद भी प्रशासन द्वारा कार्रवाई नहीं की गई।

धरने पर बैठे पूर्व एमएलसी दीपक सिंह

अब कांग्रेस के पूर्व एमएलसी दीपक सिंह पूरी तरह से संजय गांधी के पक्ष में मैदान में कूद पड़े और आज से अनिश्चित काल के लिए सीएमओ ऑफिस में धरने पर बैठ गए है। दीपक सिंह के साथ कांग्रेस के जिला अध्यक्ष प्रदीप सिंघल पूर्व जिला अध्यक्ष योगेंद्र मिश्रा युवा जिला अध्यक्ष शुभम सिंह समेत बड़ी संख्या में कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता सत्याग्रह आंदोलन कर रहे हैं। दीपक के सत्याग्रह आंदोलन में आप और सपा के नेता भी शामिल हुए हैं।

दीपक सिंह ने क्या कहा?

सत्याग्रह को लेकर दीपक सिंह ने कहा कि जिस तरह से एक महिला की मौत के बाद अस्पताल के लाइसेंस को निलंबित कर दिया गया यह बिल्कुल गलत है।क्या ट्रेन हादसे में किसी मौत होने के बाद पूरे रेलवे को बंद कर दिया जाता है।क्या बस हादसे में किसी की मौत के बाद पुरे रोडवेज को बंद कर दिया जाता है। अस्पताल के लाइसेंस निलंबन में पूरी तरह से राजनीति हुई। जो अस्पताल सैकड़ों लोगों का रोग इलाज करता था आज वह राजनीति का शिकार हो गया जिस कारण प्रशासनिक अधिकारियों ने 24 घंटे के भीतर अस्प्ताल का लाइसेंस को निलंबित कर दिया। जब तक अस्पताल का लाइसेंस बहाल नहीं किया जाता तब तक मैं अनिश्चितकाल के लिए सत्याग्रह आंदोलन करते हुए धरने पर बैठा रहूंगा।

इतना कि दीपक सिंह ने जिले की स्वास्थ्य व्यवस्था पर भी सवाल उठाया और कहा कि जिले में स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह से बदहाल हो चुकी है। अस्प्ताल है लेकिन डॉक्टर नहीं है। मशीनें है लेकिन आपरेटर नही है।